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अमेरिकी दूतावास का पाकिस्तान को मिसाइलों की बिक्री पर स्पष्टीकरण

अमेरिकी दूतावास ने पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइलों की बिक्री की खबरों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि मौजूदा अनुबंध केवल स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव के लिए है। यह स्पष्टीकरण ऑपरेशन सिंदूर के बाद आया है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई युद्ध हुआ था। दूतावास ने कहा कि यह अनुबंध पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि मौजूदा प्रणालियों को बनाए रखने में मदद करने के लिए है।
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अमेरिकी दूतावास का पाकिस्तान को मिसाइलों की बिक्री पर स्पष्टीकरण

अमेरिका ने खारिज की मिसाइल बिक्री की खबरें

अमेरिकी दूतावास का स्पष्टीकरण: अमेरिका ने उन रिपोर्टों को पूरी तरह से नकार दिया है, जिनमें कहा गया था कि वह पाकिस्तान को नई एडवांस एयर-टू-एयर मिसाइल (AIM-120 AMRAAM) की बिक्री कर रहा है। दूतावास ने स्पष्ट किया कि ये जानकारी गलत है और मौजूदा अनुबंध के तहत पाकिस्तान को कोई नई मिसाइल नहीं भेजी जा रही है।


अनुबंध का उद्देश्य

हालांकि, दूतावास ने यह बताया कि जिस अनुबंध का उल्लेख किया गया है, वह पाकिस्तान के पास पहले से मौजूद उपकरणों के स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव के लिए है। इसका अर्थ है कि यह समझौता पाकिस्तान और अन्य देशों को उनके मौजूदा सिस्टम को चालू रखने में सहायता प्रदान करने के लिए है, न कि उन्हें नए या अधिक शक्तिशाली हथियार देने के लिए।


स्पष्टीकरण का महत्व

अमेरिका का स्पष्टीकरण: यह स्पष्टीकरण इसलिए आवश्यक था क्योंकि यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद आया है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई युद्ध हुआ था। इसके बाद, कई मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया था कि पाकिस्तान को अमेरिका से ये शक्तिशाली मिसाइलें मिलने वाली हैं, जो उनके F-16 लड़ाकू विमानों को बेहतर बना सकती हैं।


अनुबंध की जानकारी

अनुबंध का विवरण: यह अनुबंध 41.7 मिलियन डॉलर का है और इसे रेथियॉन मिसाइल्स एंड डिफेंस को दिया गया है, जो इन मिसाइलों का निर्माण करती है। यह एक बड़े सैन्य बिक्री कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि 30 से अधिक मित्र देश शामिल हैं। यह पूरा कार्यक्रम लगभग 2.5 बिलियन डॉलर का है और इसके 2030 तक जारी रहने की उम्मीद है।