अमेरिकी फाइटर जेट्स का बांग्लादेश में आगमन और सैन्य अभ्यास

अमेरिकी सैनिकों का चटगांव में ठहराव
हाल ही में, अमेरिका के फाइटर जेट्स बांग्लादेश में उतरे हैं। यूएस फोर्स का सी 130 जे हर्कुलस विमान चटगांव में लैंड किया है। अमेरिकी सैनिक चटगांव के रेडीसन ब्लू होटल में ठहरे हुए हैं, जहां उनके लिए 85 कमरे पहले से बुक किए गए थे। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि होटल के रजिस्टर में उनके नाम नहीं हैं। ये सैनिक बांग्लादेशी सेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए आए हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन के बाद, बांग्लादेश और अमेरिका के बीच सैन्य संबंधों में वृद्धि हुई है।
अमेरिकी सेना का आगमन और अभ्यास
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 120 अमेरिकी अधिकारी 10 सितंबर को यूएस-बांग्लादेश एयरलाइंस की उड़ान से ढाका से चटगांव पहुंचे और रेडिसन ब्लू होटल में चेक-इन किया। हालांकि, होटल के अतिथि रजिस्टर में किसी भी अमेरिकी सैन्य कर्मी का नाम नहीं है। ये अधिकारी बांग्लादेशी सेना के साथ एक संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए आए हैं और 20 सितंबर को चटगांव से रवाना होने की योजना है। उनका आगमन 31 अगस्त को ढाका के वेस्टिन होटल में एक अमेरिकी विशेष बल कमांड अधिकारी की संदिग्ध मौत के कुछ दिनों बाद हुआ है।
संदिग्ध मौत और सैन्य सहयोग
ढाका पुलिस ने मृतक की पहचान 50 वर्षीय टेरेंस अर्वेले जैक्सन के रूप में की है, जो अप्रैल में बांग्लादेश आए थे। उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है, लेकिन इस पर बांग्लादेश और अमेरिका ने कोई टिप्पणी नहीं की है। इसके अलावा, मिस्र की वायु सेना का एक परिवहन विमान 14 सितंबर को चटगांव के शाह अमानत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। एक दिन बाद, अमेरिकी सैनिकों ने बांग्लादेश वायु सेना के पटेंगा एयर बेस का दौरा किया। इससे पहले, अमेरिकी सेना ने बांग्लादेशी सेना के साथ दो संयुक्त अभ्यासों में भाग लिया था, जिनका उद्देश्य शांति स्थापना की तैयारी को बढ़ावा देना और दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच सहयोग को बढ़ाना था।
बांग्लादेश और अमेरिका के बीच बढ़ते संबंध
इन अभ्यासों का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और उन क्षेत्रों की पहचान करना था जहां अमेरिका बांग्लादेशी सेना का समर्थन कर सकता है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत, ढाका और वाशिंगटन के बीच सैन्य और रणनीतिक संपर्क में तेजी आई है। यह सरकार पिछले साल अगस्त में देश में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद, अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद से महत्वपूर्ण साबित हुई है।