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अमेरिकी रक्षा सचिव ने ईरान के खिलाफ ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की सफलता की पुष्टि की

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने रविवार को ईरान के खिलाफ ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की सफलता की घोषणा की। इस ऑपरेशन में ईरान की तीन प्रमुख परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया गया। हेगसेथ ने राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर रूप से कमजोर करने में सफल रहा। उन्होंने इजरायल के सहयोगियों की भूमिका को भी मान्यता दी और अमेरिका की शांति की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
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अमेरिकी रक्षा सचिव ने ईरान के खिलाफ ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की सफलता की पुष्टि की

अमेरिकी रक्षा सचिव की महत्वपूर्ण घोषणा

रविवार को, अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने ईरान के खिलाफ वाशिंगटन के ऑपरेशन मिडनाइट हैमर को एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के तहत कई ईरानी परमाणु सुविधाओं को नष्ट कर दिया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश पर, यूएस सेंट्रल कमांड ने ईरान में तीन प्रमुख परमाणु स्थलों, फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान पर आधी रात को सटीक हमले किए।


ट्रम्प का ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कड़ा रुख

हेगसेथ ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने पिछले 10 वर्षों से ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने की बात की है। उनके नेतृत्व में, ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएँ नष्ट हो गई हैं। कई पूर्व राष्ट्रपति इस लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन ट्रम्प ने इसे साकार किया।


हमले की रणनीति और प्रभाव

हेगसेथ ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश पर, यूएस सेंट्रल कमांड ने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर सटीक हमले किए, जिससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर नुकसान पहुंचा। उन्होंने इसे एक अविश्वसनीय सफलता करार दिया और कहा कि यह ऑपरेशन ईरानी सैनिकों या नागरिकों को निशाना नहीं बनाता।


इजरायल के सहयोगियों की भूमिका

उन्होंने इजरायल के सहयोगियों की भी सराहना की, जिन्होंने इस योजना के लिए महीनों तक तैयारी की। इस हमले में उच्चतम स्तर की सटीकता और परिचालन सुरक्षा का ध्यान रखा गया। यह मिशन 2001 के बाद से सबसे लंबा B2 स्पिरिट बॉम्बर मिशन था, जिसमें MOP का पहला परिचालन उपयोग शामिल था।


शांति की आवश्यकता पर जोर

हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका युद्ध नहीं चाहता, लेकिन जब भी उनके लोगों या हितों को खतरा होगा, वे तेजी से और निर्णायक रूप से कार्रवाई करेंगे। ईरान को ट्रम्प की बात सुननी चाहिए और समझना चाहिए कि उनका क्या मतलब है।