अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का आयातित दवाओं पर 200% टैरिफ लगाने का प्रस्ताव

ट्रंप का नया टैरिफ प्रस्ताव
ट्रंप का 200% टैरिफ योजना: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारत, चीन और रूस के बीच बढ़ती दोस्ती से चिंतित हैं और अब आयातित दवाओं पर भारी टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने 200% या उससे अधिक का टैरिफ लगाने का विचार किया है, जिसका मुख्य प्रभाव भारत और चीन जैसे देशों पर पड़ेगा।
एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने आयातित दवाओं पर भारी शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें कुछ दवाओं पर 200 प्रतिशत तक के शुल्क का उल्लेख किया गया है। ट्रंप का उद्देश्य ऑटोमोबाइल और स्टील जैसे उत्पादों पर पहले से लागू शुल्कों को दवा क्षेत्र में भी लागू करना है। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा, क्योंकि कई दवाएं पहले अमेरिका में शुल्क मुक्त आती थीं।
अधिकारियों ने इस कदम को सही ठहराने के लिए 1962 के व्यापार विस्तार अधिनियम की धारा 232 का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान देखी गई कमी के बाद घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। व्हाइट हाउस ने कंपनियों को समायोजित होने के लिए एक से डेढ़ साल की अवधि देने का सुझाव दिया है। कई कंपनियों ने पहले से ही आयात बढ़ा लिया है और स्टॉक जमा कर लिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस नीति से दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं और आपूर्ति श्रृंखलाएँ प्रभावित हो सकती हैं। भारत, जो दुनिया का एक प्रमुख जेनेरिक दवाओं का निर्यातक है, इस निर्णय से विशेष रूप से प्रभावित हो सकता है। यदि अमेरिका में टैरिफ लागू होता है, तो भारतीय दवा निर्माताओं को नुकसान हो सकता है और उनके निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन चीन से आयातित दवाओं और उनके कच्चे माल (APIs) पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
अमेरिका में दवा वितरण में जेनेरिक दवाओं का प्रमुख स्थान है। खुदरा और डाक द्वारा भेजे जाने वाले फ़ार्मेसी नुस्खों में लगभग 92 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं का योगदान है। ये निर्माता कम मार्जिन पर काम करते हैं और बड़े टैरिफ को सहन नहीं कर पाएंगे। विश्लेषकों का कहना है कि कुछ कंपनियां अमेरिकी बाजार छोड़ने का निर्णय ले सकती हैं।