अमेरिकी-रूसी शिखर वार्ता: कोई ठोस नतीजा नहीं, भारत पर असर

अमेरिकी और रूसी नेताओं की वार्ता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई शिखर वार्ता बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हुई। दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध के समाधान के लिए कोई ठोस समझौता नहीं किया, लेकिन उन्होंने इस बैठक को लाभकारी बताया।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस वार्ता पर वाशिंगटन, मॉस्को, यूरोप, यूक्रेन और नई दिल्ली की नजरें थीं, क्योंकि इसका प्रभाव भारत के रूसी तेल आयात और अमेरिकी टैरिफ पर पड़ सकता है। हाल के दिनों में, ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो क्षेत्र के अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक है। विश्लेषकों का मानना है कि ये टैरिफ भारत के निर्यात को नुकसान पहुंचा सकते हैं और देश के जीडीपी का लगभग 1 प्रतिशत प्रभावित कर सकते हैं।
सौदे की संभावना
हालांकि, ट्रंप ने स्वीकार किया कि "हम अभी वहां तक नहीं पहुंचे हैं" और कहा कि वह यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और नाटो नेताओं से आगे की बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने और पुतिन ने संघर्ष समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन इसके बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। ट्रंप ने कहा, "हमारी बैठक बहुत उत्पादक रही, लेकिन कोई सौदा तब तक नहीं होगा, जब तक पूरा सौदा न हो।"
टैरिफ में अस्थायी राहत?
शिखर सम्मेलन के बाद, ट्रंप ने कहा कि पुतिन के साथ प्रगति के बाद वह चीन पर रूसी तेल खरीदने के लिए टैरिफ लगाने से फिलहाल रुकेंगे। उन्होंने भारत का उल्लेख नहीं किया, जिस पर रूसी तेल आयात के लिए 25 प्रतिशत दंडात्मक टैरिफ सहित कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है। ट्रंप ने कहा, "आज जो हुआ, उसके कारण मुझे लगता है कि अब मुझे इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं है।"
पुतिन की प्रशंसा
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने वार्ता के "मैत्रीपूर्ण" स्वरूप की सराहना की। ट्रंप ने यूक्रेन में नागरिकों की हत्या के बारे में कुछ नहीं कहा। पुतिन ने कहा कि ट्रंप यह समझते हैं कि "रूस के अपने राष्ट्रीय हित हैं।"
कोई ठोस परिणाम नहीं
दोनों नेताओं ने वार्ता को "बेहतर" बताया, लेकिन ठोस उपलब्धियों की घोषणा न होना महत्वपूर्ण था। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस महज 15 मिनट की थी, जिसमें सामान्य कूटनीतिक टिप्पणियां की गईं। दोनों नेताओं ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।
ट्रंप की त्रिपक्षीय बैठक की संभावना
ट्रंप ने संकेत दिया कि पुतिन और जेलेंस्की के बीच एक त्रिपक्षीय बैठक की व्यवस्था की जा सकती है, जिसमें वह भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इस बैठक के आयोजन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
भारत पर प्रभाव
इस बैठक का भारत पर गहरा असर हो सकता है। अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है। यदि यूक्रेन युद्ध पर कोई समझौता नहीं होता, तो भारत पर और आर्थिक दबाव बढ़ सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि ये टैरिफ भारत के निर्यात क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं और देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर डाल सकते हैं।