Newzfatafatlogo

अमेरिकी वाणिज्य सचिव की भारत और ब्राजील पर व्यापार नीतियों की आलोचना

अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भारत और ब्राजील की व्यापार नीतियों पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने इन देशों से अपेक्षा की है कि वे अपने बाजारों को खोलें और अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली नीतियों से बचें। लुटनिक ने भारत की ऊर्जा नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय व्यवसायों को वाशिंगटन के साथ समझौता करने के लिए दबाव डालना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने भारत द्वारा रियायती दरों पर रूसी तेल की खरीद को भी गलत बताया। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 | 
अमेरिकी वाणिज्य सचिव की भारत और ब्राजील पर व्यापार नीतियों की आलोचना

भारत और ब्राजील को अमेरिकी बाजार के प्रति सही प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता

अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने प्रमुख व्यापारिक साझेदार देशों की नीतियों पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने भारत और ब्राजील जैसे देशों से अपेक्षा की है कि वे अपने बाजारों को खोलें और अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली नीतियों से बचें।




एक साक्षात्कार में लुटनिक ने कहा, 'हमें कई देशों को सुधारने की आवश्यकता है, जैसे स्विट्जरलैंड, ब्राजील और भारत। इन देशों को अमेरिका के प्रति सही प्रतिक्रिया देने की जरूरत है। उन्हें अपने बाजार खोलने होंगे और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने वाले कदम उठाने से बचना होगा।'


 


अधिक जानकारी: UNGA में भारत का कड़ा संदेश, युद्ध रोकने की अपील




लुटनिक ने व्यापार नीतियों को बताया 'दिखावा'


लुटनिक की यह टिप्पणी भारत की व्यापार और ऊर्जा नीतियों की उनकी पिछली आलोचना को और मजबूत करती है। हाल ही में, उन्होंने व्यापार वार्ताओं में भारत की आपत्ति को 'दिखावा' करार दिया था, जो डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्कों की प्रतिक्रिया में थी।




ब्लूमबर्ग से बातचीत में, लुटनिक ने भविष्यवाणी की थी कि नई दिल्ली 'एक या दो महीने में' बातचीत की मेज पर लौट आएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय व्यवसाय अंततः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर वाशिंगटन के साथ समझौता करने के लिए दबाव डालेंगे, क्योंकि 'दुनिया के सबसे बड़े ग्राहक से लड़ना उचित नहीं है।'


 


अधिक जानकारी: एपस्टीन फाइलों में Elon Musk का नाम, क्या सच में Private Island गए थे अरबपति?




लुटनिक ने रूसी तेल खरीद पर नाराजगी जताई


अमेरिकी अधिकारी ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से भारत द्वारा रियायती दरों पर रूसी कच्चे तेल की बढ़ती खरीद की भी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे 'सरासर गलत' और 'हास्यास्पद' बताते हुए कहा कि भारत को यह तय करना होगा कि वह किस पक्ष में रहना चाहता है।




लुटनिक ने व्यापार करने वाले देशों को याद दिलाया कि अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। उन्होंने कहा, 'हमारी 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था ही दुनिया का उपभोक्ता है। इसलिए उन्हें ग्राहक के पास वापस आना होगा, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि ग्राहक हमेशा सही होता है।'