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अमेरिकी वायुसेना की चिंता: चीन की किल वेब तकनीक और मिसाइल क्षमताएँ

अमेरिकी वायुसेना ने चीन की किल वेब तकनीक और उसकी मिसाइल क्षमताओं को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ताइवान पर हमले के लिए पर्याप्त मिसाइलों से लैस है। इस तकनीक का उद्देश्य दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखना और त्वरित जवाबी कार्रवाई करना है। जानें इस तकनीक के बारे में और अमेरिका की चिंताओं के पीछे के कारण।
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अमेरिकी वायुसेना की चिंता: चीन की किल वेब तकनीक और मिसाइल क्षमताएँ

चीन की किल वेब तकनीक पर अमेरिकी वायुसेना की चिंता

PLA Kill Web Technology : अमेरिकी वायुसेना ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की मिसाइल क्षमताओं और उसकी 'किल वेब' तकनीक के विकास को लेकर चिंता व्यक्त की है। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिकी रक्षा विभाग के आगामी बजट अनुरोध में चीन से बढ़ते खतरे के मद्देनजर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।


विशेषज्ञों का मानना है कि ताइवान पर चीन का पूर्ण पैमाने पर हमला करना जोखिम भरा और असंभव है। इससे यह संकेत मिलता है कि बीजिंग अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राजनीतिक युद्ध या नाकाबंदी जैसे बल प्रयोग करने की अधिक संभावना रखता है।


किल वेब तकनीक की विशेषताएँ

क्या है किल वेब तकनीक?


अमेरिकी वायु सेना के सचिव ट्रॉय मींक और अंतरिक्ष संचालन के प्रमुख जनरल चांस साल्ट्ज़मैन ने ड्रैगन की किल वेब तकनीक को लेकर गंभीर चिंता जताई है। यह तकनीक पीएलए को अमेरिकी सेनाओं पर दूर से नजर रखने में सक्षम बनाती है। साल्ट्ज़मैन ने बताया कि चीन ने पहले ही 470 से अधिक खुफिया, निगरानी और टोही उपग्रहों को तैनात किया है, जो एक आधुनिक सेंसर-टू-शूटर किल वेब में जानकारी का योगदान करते हैं।


यह किल वेब सेंसर को सीधे स्ट्राइक इकाइयों से जोड़ता है, जिससे डेटा शेयरिंग और ऑटोमेशन के माध्यम से हमलों को तेजी से अंजाम दिया जा सकता है। इस प्रणाली के जरिए हमले सेकंड के भीतर किए जा सकते हैं।


चीन के पास ताइवान पर हमले के लिए पर्याप्त मिसाइलें

ताइवान पर हमला करने के लिए चीन के पास मिसाइलों का भंडार!


चांस साल्ट्ज़मैन ने आगामी वर्ष के लिए रक्षा बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि पीएलए अपनी बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को तेजी से विकसित कर रहा है। उन्होंने बताया कि चीन के पास ताइवान को निशाना बनाने के लिए 900 से अधिक छोटी दूरी की मिसाइलें हैं।


इसके अलावा, 400 ज़मीनी मिसाइलें भी मौजूद हैं। उन्होंने चीन के 1,300 किलोमीटर की रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलों के भंडार पर भी प्रकाश डाला। चीन की 500 किलोमीटर की रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलें अलास्का और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों तक पहुँच सकती हैं, और 400 से अधिक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें वैश्विक स्तर पर परमाणु पेलोड पहुँचाने में सक्षम हैं।


चीन की किल वेब तकनीक से अमेरिका की चिंताएँ

चीन की किल वेब तकनीक से क्यों डरा अमेरिका


चीन की किल वेब तकनीक केवल मिसाइलों या ड्रोन का नेटवर्क नहीं है। यह युद्ध के मैदान में दुश्मन को पूरी तरह से घेरकर उसे नष्ट करने की एक नई तकनीक है। इसका उद्देश्य रडार, सेंसर, सैटेलाइट और मिसाइलों को आपस में जोड़कर ऐसा नेटवर्क तैयार करना है, जो पल भर में दुश्मन की किसी भी गतिविधि को पकड़ सके और खुद ही जवाबी कार्रवाई कर सके। अमेरिका को चिंता है कि यह प्रणाली उनके लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों के लिए खतरा बन सकती है।