अमेरिकी सीनेट में उइगर मानवाधिकारों के लिए नए विधेयकों का स्वागत
विश्व उइगर कांग्रेस ने अमेरिकी सीनेट में पेश किए गए तीन द्विदलीय विधेयकों का स्वागत किया है, जो चीनी सरकार के मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ एक ठोस कदम हैं। ये विधेयक उइगरों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं और अमेरिका की ओर से चीन के दमन के खिलाफ एक कड़ा संदेश भेजते हैं। डब्ल्यूयूसी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से ऐसे कदम उठाने का आग्रह किया है।
Aug 5, 2025, 18:46 IST
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उइगर मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सीनेट में नए कदम
विश्व उइगर कांग्रेस (डब्ल्यूयूसी) ने हाल ही में अमेरिकी सीनेट में पेश किए गए तीन महत्वपूर्ण द्विदलीय विधेयकों का स्वागत किया है। इन विधेयकों का उद्देश्य चीनी सरकार द्वारा मानवाधिकारों के बढ़ते उल्लंघनों और उसकी वैश्विक पहुंच को रोकना है। डब्ल्यूयूसी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ये विधेयक, जो सीनेटर जेफ मर्कले (डेमोक्रेट-ओरेगन), जॉन कॉर्निन (रिपब्लिकन-टेक्सास), जॉन कर्टिस (रिपब्लिकन-यूटा) और डैन सुलिवन (रिपब्लिकन-अलास्का) द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं, अमेरिका की ओर से चीन के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दमन के खिलाफ एक ठोस प्रतिक्रिया की आवश्यकता को दर्शाते हैं।
डब्ल्यूयूसी का बयान
डब्ल्यूयूसी के अध्यक्ष तुर्गुंजन अलाउदुन ने कहा कि हम इन विधेयकों का स्वागत करते हैं, क्योंकि ये उइगरों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं और बीजिंग को एक स्पष्ट संदेश भेजते हैं। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उइगरों को चुप कराने के लिए चीनी सरकार के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। डब्ल्यूयूसी उन सभी सीनेटरों का आभार व्यक्त करता है जिन्होंने इन विधेयकों को आगे बढ़ाया।
विधेयक का उद्देश्य
उइगरों की जबरन वापसी रोकथाम अधिनियम, 2025, जिसे सीनेटर जेफ मर्कले और जॉन कॉर्निन ने सह-प्रायोजित किया है, का उद्देश्य उन चीनी अधिकारियों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना है जो उइगरों और अन्य व्यक्तियों के जबरन प्रत्यावर्तन में शामिल हैं। जबरन चीन भेजे जाने के बाद इन व्यक्तियों को अक्सर हिरासत में लिया जाता है, यातना दी जाती है, या गायब कर दिया जाता है। विधेयक में यह भी आवश्यक है कि इन व्यक्तियों की जानकारी विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) को दी जाए ताकि उन पर संभावित प्रतिबंध लगाए जा सकें।
शरणार्थियों की सुरक्षा
डब्ल्यूयूसी की विज्ञप्ति में बताया गया है कि वर्षों से उनके शरणार्थी केंद्र ने उइगर शरणार्थियों के खिलाफ होने वाले हृदयविदारक मामलों का दस्तावेजीकरण किया है। यह विधेयक न केवल कमजोर लोगों की सुरक्षा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रत्यावर्तन में मिलीभगत के गंभीर परिणाम होंगे। विश्व उइगर कांग्रेस शरणार्थी केंद्र के निदेशक आदिलजान अब्दुकरीम ने सभी लोकतांत्रिक देशों से इसी तरह के कदम उठाने का आग्रह किया है।