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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का ट्रम्प की नागरिकता नीति पर महत्वपूर्ण फैसला

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की जन्मजात नागरिकता नीति को मान्यता दी है, जिससे निचली अदालतों को अपने पूर्व आदेशों पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया गया है। इस नीति के लागू होने से अनुमानित 150,000 नवजात शिशुओं को नागरिकता से वंचित किया जा सकता है। यह निर्णय 22 राज्यों के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल और आप्रवासी अधिकार अधिवक्ताओं के बीच विवाद का कारण बना है। जानें इस महत्वपूर्ण फैसले के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का ट्रम्प की नागरिकता नीति पर महत्वपूर्ण फैसला

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

US Supreme Court: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की जन्मजात नागरिकता से संबंधित नीति को मान्यता दी है। इस फैसले के तहत, निचली अदालतों को अपने पूर्व आदेशों पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के 6-3 के बहुमत वाले निर्णय ने मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स और वाशिंगटन राज्य की संघीय अदालतों द्वारा लगाए गए निषेधाज्ञाओं के दायरे को सीमित करने के व्हाइट हाउस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया।


राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के पहले दिन एक कार्यकारी आदेश जारी किया था, जिसमें संघीय एजेंसियों को निर्देश दिया गया था कि वे उन बच्चों को अमेरिकी नागरिकता देने से रोकें, जो अमेरिका में जन्मे हैं, लेकिन जिनके माता-पिता में से कम से कम एक अमेरिकी नागरिक या वैध स्थायी निवासी नहीं है। रॉयटर्स के अनुसार, “ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें संघीय एजेंसियों को निर्देश दिया गया था कि वे उन बच्चों को अमेरिकी नागरिकता देने से इंकार कर दें, जो देश में पैदा हुए हैं, लेकिन जिनके कम से कम एक माता-पिता अमेरिकी नागरिक या वैध स्थायी निवासी नहीं हैं.”


जन्मजात नागरिकता पर प्रभाव


इस नीति का उद्देश्य जन्मसिद्ध नागरिकता के उस सिद्धांत को समाप्त करना है, जो अमेरिका में जन्मे बच्चों को उनके माता-पिता की नागरिकता की परवाह किए बिना स्वतः नागरिकता प्रदान करता है। इस नीति के लागू होने से अनुमानित तौर पर प्रतिवर्ष 150,000 से अधिक नवजात शिशुओं को नागरिकता से वंचित किया जाएगा। इस निर्णय ने 22 राज्यों के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल, आप्रवासी अधिकार अधिवक्ताओं और गर्भवती आप्रवासियों के बीच व्यापक विवाद को जन्म दिया है।


निचली अदालतों का रुख


इससे पहले, संघीय न्यायालयों ने ट्रम्प के इस निर्देश के प्रवर्तन पर रोक लगा दी थी। मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स और वाशिंगटन की अदालतों ने इस नीति को लागू करने से रोकने के लिए निषेधाज्ञाएं जारी की थीं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने इन निषेधाज्ञाओं के दायरे को सीमित कर दिया है, जिससे ट्रम्प प्रशासन को अपनी नीति को लागू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।