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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को प्रवासियों के डिपोर्टेशन की अनुमति दी

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को 5 लाख से अधिक प्रवासियों को डिपोर्ट करने की अनुमति दी है। यह निर्णय वेनेज़ुएला, क्यूबा, हैती और निकारागुआ के प्रवासियों पर प्रभाव डालेगा। जानें इस फैसले के पीछे की वजहें और इसके संभावित परिणाम।
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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को प्रवासियों के डिपोर्टेशन की अनुमति दी

प्रवासी डिपोर्टेशन का नया अध्याय

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में प्रवासियों के डिपोर्टेशन की प्रक्रिया तेज हो गई है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को 5 लाख से अधिक प्रवासियों को देश से बाहर निकालने की अनुमति दी है। इस फैसले के तहत, वेनेज़ुएला, क्यूबा, हैती और निकारागुआ के हजारों प्रवासियों को डिपोर्ट किया जा सकता है।


इस निर्णय से ट्रंप के निर्वासन अभियान को मजबूती मिलेगी। अदालत ने एक संघीय न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी, जिसने जो बाइडेन द्वारा इन प्रवासियों को दी गई आव्रजन 'पैरोल' की स्थिति को समाप्त करने के प्रयास को रोका था। अब, कोर्ट के इस फैसले के बाद, बड़ी संख्या में प्रवासियों को अमेरिका से जल्दी बाहर निकाला जा सकता है।


आप्रवासन पैरोल क्या है?

'आप्रवासन पैरोल' अमेरिकी कानून के तहत एक अस्थायी अनुमति है, जो मानवीय कारणों या सार्वजनिक हित के लिए दी जाती है। यह लोगों को अमेरिका में रहने और काम करने की कानूनी अनुमति प्रदान करती है।



जो बाइडेन की सरकार ने इस योजना का उपयोग अवैध आव्रजन को रोकने के लिए किया था। 2022 में, बाइडेन प्रशासन ने वेनेज़ुएला से अमेरिका में हवाई मार्ग से आने वाले लोगों को दो साल के लिए पैरोल का अनुरोध करने की अनुमति दी थी, जिसमें सुरक्षा जांच और एक वैध वित्तीय प्रायोजक की आवश्यकता थी।


बाद में, 2023 में, इस प्रक्रिया का विस्तार क्यूबा, हैती और निकारागुआ के नागरिकों तक किया गया। लेकिन ट्रंप के सत्ता में आने के बाद, उन्होंने इस पैरोल प्रोग्राम को समाप्त करने का निर्णय लिया, जिससे लाखों प्रवासियों को अपने देश लौटने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।