Newzfatafatlogo

अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण के लिए मानकावास पहाड़ पर उपवास

अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण के लिए मानकावास पहाड़ पर एक दिवसीय उपवास आयोजित किया गया। इस उपवास में पर्यावरणविदों ने नई ऊंचाई मानक के खिलाफ आवाज उठाई, जो कि कई पहाड़ियों को संरक्षण से बाहर कर सकता है। डा. लोकेश भिवानी और योगबीर सांगवान ने चेतावनी दी कि यदि यह मानक नहीं बदला गया, तो पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर नुकसान होगा। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 | 
अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण के लिए मानकावास पहाड़ पर उपवास

अरावली पर्वत श्रृंखला की सुरक्षा के लिए उपवास


  • दादा गुसाई धाम मंदिर के पास उपवास पर बैठे संगठनों के प्रतिनिधि


चरखी दादरी। स्टैंड विद नेचर के संस्थापक डा. लोकेश भिवानी और योगबीर सांगवान ने बताया कि हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी भारत के पर्यावरण को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने वाली अरावली पर्वत श्रृंखला को योजनाबद्ध तरीके से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। इसका विनाशकारी प्रभाव भविष्य में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। उदाहरण के लिए, पुष्कर जी में हाईवे निर्माण के लिए इस पर्वत श्रृंखला के एक हिस्से को काटने से वहां का मरुस्थल अपनी सीमाएं लांघ गया।


आज अरावली विरासत जन अभियान के तहत मानकावास पहाड़ पर एक दिवसीय उपवास आयोजित किया गया। पर्यावरणविदों ने अरावली की नई परिभाषा के खिलाफ आवाज उठाते हुए इसके संरक्षण की मांग की। डा. लोकेश भिवानी और योगबीर सांगवान ने बताया कि 100 मीटर की ऊंचाई का नया मानक लागू होने से हरियाणा और गुजरात की 90 प्रतिशत पहाड़ियां संरक्षण से बाहर हो जाएंगी। इससे अवैध खनन, जल संकट और मरुस्थलीकरण का खतरा बढ़ जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह मानक नहीं बदला गया, तो पारिस्थितिकी तंत्र पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा। इस उपवास में कई सामाजिक संगठनों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।