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अर्जेंटीना में गूगल की स्ट्रीट व्यू गलती पर कोर्ट का बड़ा फैसला

अर्जेंटीना में गूगल की स्ट्रीट व्यू कार द्वारा एक पुलिस अधिकारी की नग्न तस्वीर खींचने के मामले में उच्च न्यायालय ने गूगल को हर्जाना देने का आदेश दिया है। इस घटना ने अधिकारी को शर्मिंदगी में डाल दिया और उसे अपने सहकर्मियों के बीच मजाक का विषय बना दिया। जानें इस मामले की पूरी कहानी और अदालत के फैसले के पीछे की वजहें।
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अर्जेंटीना में गूगल की स्ट्रीट व्यू गलती पर कोर्ट का बड़ा फैसला

गूगल की लापरवाही का मामला

ब्यूनस आयर्स: अर्जेंटीना में गूगल को अपनी स्ट्रीट व्यू कार द्वारा एक पुलिस अधिकारी की नग्न तस्वीर खींचने और उसे ऑनलाइन साझा करने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ी है। एक उच्च न्यायालय ने इसे निजता का "स्पष्ट और गंभीर" उल्लंघन मानते हुए गूगल को हर्जाना देने का आदेश दिया है। इस घटना के कारण पुलिस अधिकारी को न केवल शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, बल्कि वह अपने सहकर्मियों और पड़ोसियों के बीच मजाक का विषय भी बन गया।


यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक पुलिस अधिकारी अपने घर के आंगन में बिना कपड़ों के थे और गूगल की स्ट्रीट व्यू कार ने उनकी तस्वीर ले ली। आश्चर्य की बात यह है कि इस तस्वीर में न केवल उनका पूरा शरीर, बल्कि उनके घर का पता और गली का नाम भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था, जिसे गूगल ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया।


इस घटना के बाद, पीड़ित अधिकारी ने 2019 में गूगल के खिलाफ निजता के उल्लंघन और गरिमा को ठेस पहुंचाने का मुकदमा दायर किया। प्रारंभ में, एक स्थानीय अदालत ने यह कहते हुए मामला खारिज कर दिया कि अधिकारी "अशिष्ट स्थिति में" थे। गूगल ने भी अपनी रक्षा में कहा कि घर की दीवार ऊँची नहीं थी।


हालांकि, जुलाई 2025 में एक उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के निर्णय को पलट दिया। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि तस्वीर किसी सार्वजनिक स्थान से नहीं, बल्कि अधिकारी के घर के अंदर, एक 6.5 फुट ऊँची दीवार के पीछे से ली गई थी। न्यायालय ने इसे गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन बताते हुए कहा, "कोई भी व्यक्ति नहीं चाहता कि वह दुनिया के सामने नग्न दिखाई दे।"


अदालत ने गूगल की नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि कंपनी के पास चेहरों और गाड़ियों की नंबर प्लेट को धुंधला करने की तकनीक है ताकि लोगों की पहचान सुरक्षित रहे। लेकिन इस मामले में, व्यक्ति का पूरा नग्न शरीर स्पष्ट रूप से दिखाया गया, जो गूगल की एक गंभीर चूक साबित हुई।


फैसले के बाद, अदालत ने गूगल को इस गलती की जिम्मेदारी लेने, तुरंत उस तस्वीर को हटाने और पीड़ित पुलिस अधिकारी को मुआवजे के तौर पर लगभग 10.8 लाख रुपये ($12,500) का भुगतान करने का आदेश दिया है।