अलवर में ट्रांसपोर्ट नगर का विस्तार: नई सुविधाओं की योजना

अलवर में ट्रांसपोर्ट नगर का संभावित विस्तार
राजस्थान समाचार : अलवर जिले में लगभग एक दशक पहले स्थापित ट्रांसपोर्ट नगर का विस्तार संभव हो सकता है। इस पर यूआईटी विचार कर रहा है। विभिन्न दृष्टिकोणों से जमीन की उपलब्धता का आकलन किया जा रहा है। सभी संभावनाओं का मूल्यांकन करने के बाद प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। हालांकि, यह कार्य आसान नहीं है, क्योंकि आसपास की भूमि पर आबादी बस चुकी है। ट्रांसपोर्ट नगर को 2013-14 में स्थापित किया गया था।
उस समय यहां 500 ट्रकों के खड़े होने की व्यवस्था की गई थी। प्रारंभ में ट्रांसपोर्टर्स की संख्या भी सीमित थी। वर्तमान में, यहां 2,000 से अधिक ट्रकों का आवागमन हो रहा है, जिससे ट्रांसपोर्ट नगर और ट्रक स्टैंड की क्षमता कम पड़ने लगी है। ट्रांसपोर्ट कंपनियों और ट्रक मरम्मत की दुकानों की संख्या भी सैकड़ों तक पहुंच गई है।
पहले की सुविधाएं
मास्टर प्लान के अनुसार, ट्रांसपोर्ट नगर, रणजीत नगर के निकट लगभग एक दशक पहले स्थापित किया गया था। यह एक नई अवधारणा थी, जिसमें यात्रियों के लिए रेलवे, बस, साझा टैक्सी और बाइक जैसे सार्वजनिक परिवहन तक आसान पहुंच प्रदान करने का लक्ष्य था। माल परिवहन की सुविधाएं भी यहां उपलब्ध थीं। भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए समुचित व्यवस्था की गई थी।
लोडिंग और अनलोडिंग का कार्य यहां दिन-रात चलता है। ईंधन भरने और मरम्मत की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। पार्किंग की व्यवस्था भी की गई थी। यूआईटी ने यह सब एक दशक पहले स्थापित किया, लेकिन अब ट्रकों की संख्या में वृद्धि हो गई है।
नया ओवरब्रिज बनाने की योजना
ट्रांसपोर्ट नगर शहर के उत्तर-पूर्व में स्थित है और मुख्य सड़क नरू मार्ग से जुड़ी हुई है, जहां ट्रकों का आवागमन अधिक है। नरू मार्ग-ट्रक स्टैंड से बाइपास रोड को जोड़ने वाली सड़क पर ओवरब्रिज का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न हो रही है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए नया ओवरब्रिज प्रस्तावित किया जा सकता है।
यूआईटी से सेवानिवृत्त एक्सईएन प्रमोद शर्मा का कहना है कि ट्रांसपोर्ट नगर का विस्तार जल्द से जल्द होना चाहिए। इसके लिए ट्रांसपोर्ट नगर के निकट भूमि अधिग्रहण किया जा सकता है। यदि ट्रकिंग सिस्टम से जुड़े लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलती हैं, तो इससे पूंजी में वृद्धि होगी और अलवर के विकास में मदद मिलेगी।