अलास्का में ट्रंप और पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात

ट्रंप और पुतिन की मुलाकात का महत्व
अलास्का में ट्रंप-पुतिन बैठक: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में हुई मुलाकात ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया। 10 वर्षों के बाद अमेरिका आए पुतिन का स्वागत विशेष तरीके से किया गया। जैसे ही उनका विमान अलास्का में उतरा, उन्होंने ट्रंप से हाथ मिलाते हुए कहा, 'गुड आफ्टरनून मेरे प्यारे पड़ोसी, आपको स्वस्थ और जीवित देखकर बहुत अच्छा लगा।' यह टिप्पणी उन्होंने हाल ही में ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के संदर्भ में की।
पुतिन ने इस मुलाकात में अमेरिका और रूस के बीच की निकटता का उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने ट्रंप से ऐसे बातचीत की जैसे वे पड़ोसी हों। एयरपोर्ट पर दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान अमेरिकी सैन्य विमानों का प्रदर्शन भी हुआ, जिसमें लड़ाकू जेट और एक B-2 स्टील्थ बॉम्बर शामिल थे। दिलचस्प बात यह रही कि पुतिन ने अपने काफिले के बजाय ट्रंप की गाड़ी 'द बीस्ट' में यात्रा करना चुना।
दोनों नेताओं के बीच प्रशंसा
एक-दूसरे की सराहना
इस मुलाकात में लगभग तीन घंटे तक दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की प्रशंसा की। हालांकि, किसी ठोस समझौते पर चर्चा नहीं हो सकी। आलोचकों ने ट्रंप पर पुतिन को विशेष सम्मान देने और किसी ठोस परिणाम तक न पहुंचने के लिए सवाल उठाए। पुतिन ने युद्धविराम पर सहमति नहीं जताई, जबकि ट्रंप को इसकी उम्मीद थी।
पुतिन का महत्वपूर्ण बयान
पुतिन का बयान
बैठक के दौरान पुतिन ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि यदि 2022 में ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन युद्ध कभी नहीं होता। पुतिन ने स्वीकार किया कि पिछले वर्षों में रूस और अमेरिका के संबंध कठिन दौर से गुजरे हैं और अब इन्हें सुधारना आवश्यक है।
अमेरिका आने का निमंत्रण
ट्रंप का धन्यवाद
पुतिन ने अपनी यात्रा को रचनात्मक और सम्मानजनक बताया। उन्होंने कहा कि बातचीत बहुत उपयोगी रही और अमेरिका आने का निमंत्रण देने के लिए ट्रंप का धन्यवाद किया। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी दोनों नेता मिले हैं, उन्होंने एक-दूसरे के लिए सकारात्मक बातें कही हैं।
भविष्य की संभावनाएं
नई उम्मीद की किरण
यह मुलाकात उस समय हुई है जब रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है और दुनिया की नजर इस बात पर थी कि ट्रंप और पुतिन किसी समझौते या युद्धविराम की दिशा में कदम बढ़ाते हैं या नहीं। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया, फिर भी इस मुलाकात ने अमेरिका और रूस के रिश्तों में भविष्य के लिए एक नई उम्मीद जगाई है।