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अशोक गहलोत ने भजनलाल शर्मा को दी प्रशासन में पारदर्शिता की सलाह

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को प्रशासन में पारदर्शिता लाने की सलाह दी है। उन्होंने बीजेपी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार की छवि को समझने के लिए उनके सांसदों से पूछना चाहिए। गहलोत ने लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई और कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच में देरी को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने बीजेपी सरकार की नीतियों पर भी तंज कसा, यह बताते हुए कि कई जनहित योजनाएं रोक दी गई हैं।
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अशोक गहलोत ने भजनलाल शर्मा को दी प्रशासन में पारदर्शिता की सलाह

राजस्थान की राजनीति में गहलोत की टिप्पणी

राजस्थान की राजनीति: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सलाह दी है कि वे प्रशासन में पारदर्शिता लाने और कार्यों में संतुलन बनाए रखें। गहलोत ने कहा कि भजनलाल शर्मा पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं, इसलिए उन्हें अभी बहुत कुछ सीखना है। उन्होंने कहा, 'भजनलाल जी लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने प्रशासन और आवश्यक बैठकों के बीच संतुलन बनाना चाहिए। प्रशासनिक पारदर्शिता से ही जनता का विश्वास जीता जा सकता है।'


बीजेपी नेताओं की आलोचना

बीजेपी के नेता ही सरकार की आलोचना कर रहे


गहलोत ने कहा कि मौजूदा सरकार की छवि को समझने के लिए किसी भी गांव या शहर में जाकर बीजेपी के सांसदों और विधायकों से पूछना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम उतनी आलोचना नहीं करते जितनी खुद बीजेपी के लोग अपनी सरकार के कामकाज की करते हैं।'


लोकतंत्र की स्थिति

लोकतंत्र कमजोर हो रहा है


उदयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब लोकतंत्र कमजोर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, 'चुनाव जीतना एक बात है, लेकिन लोकतंत्र को कमजोर करके चुनाव जीतना बेहद खतरनाक है। विपक्ष के बिना सत्ता पक्ष अधूरा है। हम जनता की आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दों को भी अनदेखा कर रही है।'


कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच

कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच में देरी


कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि इस मामले को बीजेपी ने केवल चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बीजेपी के दबाव में आकर जांच NIA को सौंप दी। हमने सोचा था शायद कोई अंतरराष्ट्रीय एंगल हो, इसीलिए विरोध नहीं किया। लेकिन अब तीन साल बीत चुके हैं और जांच आगे नहीं बढ़ी। लगता है अगर राज्य सरकार अपने स्तर पर जांच करती तो अब तक आरोपियों को सजा मिल जाती।


भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल

भाजपा सरकार की सोच तोड़ने वाली


एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार की सोच जोड़ने की नहीं, तोड़ने की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने कांग्रेस शासनकाल की कई योजनाओं को रोक दिया। उदाहरण के लिए, उन्होंने कहा कि कांग्रेस की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, जिसके तहत 25 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त मिलता था, उसे भी बंद कर दिया गया।


उन्होंने कहा, हमने वसुंधरा राजे सरकार की जनहित वाली योजनाओं को आगे बढ़ाया था, लेकिन बीजेपी की सरकार ऐसा नहीं करती। केंद्र सरकार ने सिंचाई और पेयजल की ईआरसीपी योजना के लिए 90% खर्च वहन करने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई आदेश नहीं आया।