असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों के योगदान पर की चर्चा
भारत में मुसलमानों का योगदान
नई दिल्ली: अल महद-अल-आली द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भारत के विकास में मुसलमानों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मुसलमान इस देश से गहरा प्रेम करते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे अपने धर्म और पहचान को छोड़ दें। ओवैसी ने यह भी कहा कि मुसलमानों ने हमेशा देश की प्रगति में योगदान दिया है और भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे।
देशभक्ति और धार्मिक स्वतंत्रता
देशभक्ति और धर्म की स्वतंत्रता पर बल
ओवैसी ने कहा, 'एक व्यक्ति अपने पूर्वजों की भूमि के प्रति वफादार रहता है। हम भारत के प्रति वफादार हैं। पैगंबर मुहम्मद ने कहा था कि देश के प्रति वफादारी इस्लाम की प्रकृति में है। हमें अपने देश से सच्चा प्यार है और हमारा संविधान हमें अपने धर्म को मानने की पूर्ण स्वतंत्रता देता है।'
मुसलमानों के योगदान की सूची
मुसलमानों के योगदान की सूची
ओवैसी ने भारत के विकास में मुसलमानों के योगदान को उजागर करते हुए कई प्रमुख व्यक्तियों का उल्लेख किया। इनमें ब्रिगेडियर उस्मान, अब्दुल हमीद, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, प्रसिद्ध ऑर्किडोलॉजिस्ट सलीम अली, वैज्ञानिक सैयद ज़ाहिर क़ासिम, उद्योगपति अज़ीम प्रेमजी, और शिक्षाविद फातिमा शेख शामिल हैं।
ऐतिहासिक अन्याय और शांतिपूर्ण प्रतिक्रिया
ऐतिहासिक अन्याय और शांतिपूर्ण प्रतिक्रिया
ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों को कभी दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा, 'हमारी मस्जिद को शहीद कर दिया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई शहीद नहीं हुआ। इसके बावजूद हमने न्याय के फैसले का सम्मान किया और जूता नहीं फेंका।'
मदरसा निर्माण और नागरिक अधिकार
मदरसा निर्माण और नागरिक अधिकार
ओवैसी ने मदरसों के निर्माण की कमी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जो लोग मदरसों का एक कमरा भी नहीं बना सके, वही अमोनियम नाइट्रेट बनाने में लगे हुए हैं। उन्होंने सभी नागरिकों से एकजुट होने की अपील की और कहा कि देश के विकास के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
