असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग का निधन: तीन दिन का राजकीय शोक

जुबीन गर्ग का आकस्मिक निधन
Zubeen Garg Death: असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग के अचानक निधन ने पूरे देश को हिला दिया है। 52 वर्षीय जुबीन, जिन्हें 'या अली' गाने के लिए जाना जाता है, सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान एक दुर्घटना का शिकार हो गए। इस दुखद घटना के बाद असम सरकार ने तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है। यह निर्णय जुबीन के असम की सांस्कृतिक धरोहर में योगदान को सम्मानित करने के लिए लिया गया है।
जुबीन गर्ग का जीवन और करियर
जुबीन गर्ग का जन्म 1972 में मेघालय के तुरा में हुआ था। उनका असली नाम जुबीन बोरठाकुर था, लेकिन उन्होंने अपने स्टेज नाम 'गर्ग' को गोत्र के नाम पर रखा। उन्होंने असमिया, बंगाली, हिंदी और 40 अन्य भाषाओं में गाने गाए। बॉलीवुड में 'गैंगस्टर' फिल्म का 'या अली' उनका एक सुपरहिट गाना था, जो आज भी युवाओं के बीच लोकप्रिय है। असम में वे केवल एक गायक नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने अभिनय, संगीत निर्देशन और फिल्म निर्माण में भी योगदान दिया। 2024 में उन्हें मेघालय यूनिवर्सिटी से मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया था।
दुर्घटना का विवरण
जुबीन गर्ग सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के लिए गए थे और एक यॉट ट्रिप पर थे। रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने लाइफ जैकेट पहनकर पानी में कूदने का निर्णय लिया, लेकिन कुछ ही समय बाद इसे उतार दिया क्योंकि यह उन्हें असुविधाजनक लग रहा था। क्रू मेंबर्स ने उन्हें चेतावनी दी थी, लेकिन दुर्भाग्यवश वे डूब गए। उन्हें बचाने की कोशिश की गई और अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दोपहर 2:40 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि पोस्टमॉर्टम पूरा हो चुका है और शव उनके साथियों को सौंप दिया गया है।
असम सरकार का निर्णय और फैंस की प्रतिक्रिया
सिंगर जुबीन गर्ग के निधन पर असम सरकार का बड़ा फैसला
जुबीन के गुवाहाटी स्थित निवास पर फैंस की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। लोग आंसू बहाते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनकी पत्नी गारिमा सैकिया गर्ग इस दुखद घटना से टूट चुकी हैं। सोशल मीडिया पर #ZubeenDa ट्रेंड कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'जुबीन गर्ग के अचानक निधन से स्तब्ध हूं। उनकी संगीत यात्रा हमेशा याद रहेगी।' कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें 'असम की आवाज' कहा, जबकि राहुल गांधी ने उनकी अनोखी प्रतिभा की सराहना की। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है।
असम सरकार के इस निर्णय के तहत तीन दिनों तक सरकारी कार्यक्रम रद्द रहेंगे। जुबीन की मृत्यु ने यह साबित कर दिया कि वे केवल एक गायक नहीं, बल्कि लाखों दिलों की धड़कन थे। उनके गाने असम की संस्कृति को जीवित रखेंगे। फैंस को विश्वास नहीं हो रहा कि 'जुबीन दा' अब हमारे बीच नहीं रहे।