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असम के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी को देशविरोधी बताया

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें देशविरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी केवल बांग्लादेश और पाकिस्तान के मुसलमानों का समर्थन करते हैं। इस बयान ने असम में चुनावी माहौल में हलचल मचा दी है। सरमा ने कांग्रेस पर असम की सांस्कृतिक पहचान को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया। यह विवाद और गहरा हो सकता है क्योंकि सरमा ने अपने दावों के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया।
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असम के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी को देशविरोधी बताया

मुख्यमंत्री सरमा का गंभीर आरोप

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें देशविरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी केवल बांग्लादेश और पाकिस्तान के मुसलमानों का समर्थन करते हैं।


बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद के चुनावी अभियान में बयान

बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद के चुनावी प्रचार के दौरान पत्रकारों से बातचीत में सरमा ने यह भी कहा कि कांग्रेस असम की सांस्कृतिक पहचान, जैसे कामाख्या मंदिर और महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव का सम्मान नहीं करती।


राहुल गांधी पर देशविरोधी होने का आरोप

राहुल गांधी पर देशविरोधी होने का आरोप


सरमा ने कहा, “राहुल गांधी एक भारत विरोधी व्यक्ति हैं। वे केवल बांग्लादेशी और पाकिस्तानी मुसलमानों के साथ हैं। वे न तो भारतीय हिंदुओं के साथ हैं और न ही भारतीय मुसलमानों के साथ। राहुल गांधी एक देशविरोधी व्यक्तित्व हैं।” हालांकि, उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को देशविरोधी कहने के पीछे कोई ठोस कारण नहीं बताया।


असम की सांस्कृतिक पहचान पर सवाल

असम की सांस्कृतिक पहचान पर सवाल


मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर असम की सांस्कृतिक विरासत को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कामाख्या मंदिर और महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव जैसे असम के प्रतीकों का सम्मान नहीं करती। सरमा के अनुसार, यह कांग्रेस की क्षेत्रीय संस्कृति के प्रति उदासीनता को दर्शाता है।


चुनावी माहौल के बीच चर्चा में बयान

चुनावी माहौल के बीच चर्चा में बयान


यह बयान ऐसे समय में आया है, जब असम में चुनावी माहौल गर्म है। सरमा के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी की आक्रामक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि, सरमा ने अपने दावों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया, जिससे यह विवाद और गहरा सकता है.