असम में अधिकारी नूपुर बोरा की गिरफ्तारी: जमीन घोटाले और करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

असम में लैंड स्कैम में गिरफ्तारी
असम में लैंड स्कैम में गिरफ्तारी: असम की सिविल सेवा अधिकारी नूपुर बोरा को एक भूमि घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया है। वह बारपेटा जिले में तैनात थीं, जहां उन पर हिंदू परिवारों की भूमि को अवैध तरीके से मुसलमानों को हस्तांतरित करने का आरोप है। उनके घर से 1 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और सोने की गहने भी बरामद की गई हैं। यह मामला असम में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया है।
नूपुर बोरा का परिचय
नूपुर बोरा 2019 बैच की एसीएस अधिकारी हैं। उनका जन्म असम के गोलाघाट जिले में हुआ था। उन्होंने कामरूप जिले के गोरोइमारी क्षेत्र में सर्कल ऑफिसर के रूप में कार्य किया। नूपुर ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में डिग्री प्राप्त की और कॉटन कॉलेज में अध्ययन किया। सिविल सेवा में शामिल होने से पहले, वह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में व्याख्याता के रूप में कार्यरत थीं।
करियर की शुरुआत
नूपुर बोरा का प्रशासनिक करियर कार्बी आंगलोंग में सहायक आयुक्त के पद से शुरू हुआ। वह मार्च 2019 से जून 2023 तक इस पद पर रहीं। इसके बाद उन्हें बारपेटा में सर्कल ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया, जहां से उनका तबादला कामरूप में किया गया।
भूमि घोटाले के आरोप
नूपुर पर आरोप है कि उन्होंने बारपेटा में तैनाती के दौरान करोड़ों रुपये की भूमि को अवैध तरीके से ट्रांसफर किया। ये भूमि सरकारी और धार्मिक ट्रस्ट की थी, जिसे संदिग्ध व्यक्तियों को बेचा गया। जांच में यह भी सामने आया है कि अधिकांश भूमि हिंदू परिवारों की थी, जिसे कथित तौर पर मुसलमानों के नाम किया गया। उनके खिलाफ यह भी आरोप है कि केवल 6 साल की सेवा में उनकी संपत्ति अत्यधिक बढ़ गई है।
सोने और नकदी का स्रोत
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया है। टीम ने नूपुर बोरा के घर पर छापा मारा, जहां से 90 लाख रुपये से अधिक की नकदी और लगभग 1 करोड़ रुपये का सोना बरामद हुआ। उनकी कुल संपत्ति लगभग 2 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। वर्तमान में, नूपुर बोरा पुलिस हिरासत में हैं।