असम में इंजीनियर ज्योतिषा दास की संदिग्ध मौत: भ्रष्टाचार के आरोपों ने मचाई हलचल

ज्योतिषा दास की संदिग्ध मौत से असम में हड़कंप
असम में लोक निर्माण विभाग की 30 वर्षीय सहायक इंजीनियर ज्योतिषा दास की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। मंगलवार को उन्हें अपने किराए के घर में मृत पाया गया। पुलिस ने घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें उन्होंने दो वरिष्ठ अधिकारियों पर 'फर्जी बिल पास करने का दबाव' डालने का आरोप लगाया है.
भ्रष्टाचार के आरोपों ने उठाए सवाल
ज्योतिषा दास की आत्महत्या ने सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार और अधिकारियों की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके परिवार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर दो वरिष्ठ इंजीनियरों को गिरफ्तार किया गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं.
सुसाइड नोट में मानसिक तनाव का जिक्र
मृतका के कमरे से मिला सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस पत्र में ज्योतिषा ने लिखा है कि वह अत्यधिक मानसिक तनाव के कारण यह कदम उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि दफ्तर में उन्हें कोई मार्गदर्शन नहीं मिल रहा था और वह थक चुकी थीं। नोट में उन्होंने स्पष्ट रूप से दो वरिष्ठ अधिकारियों पर अधूरे कार्यों के फर्जी बिल पास करने का दबाव डालने का आरोप लगाया है.
गिरफ्तार किए गए अधिकारी
पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर दिनेश मेधी शर्मा और अमीनुल इस्लाम नामक दो अधिकारियों को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। दिनेश मेधी शर्मा हाल ही में सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर के पद पर पदोन्नत हुए हैं, जबकि अमीनुल इस्लाम वर्तमान में बोंगाईगांव के सब-डिविजनल ऑफिसर हैं.
मुख्यमंत्री का जांच का आश्वासन
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस दुखद घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि पूरे मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विवादित निर्माण कार्य से जुड़े बिलों की पुनः जांच की जाएगी. पुलिस ने बताया कि वे हर पहलू की जांच कर रहे हैं और विवादित भवन के कार्य का मूल्यांकन दोबारा किया जाएगा.
परिवार की शिकायत और कार्रवाई की मांग
ज्योतिषा दास के परिवार ने पुलिस में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। परिवार का कहना है कि ज्योतिषा एक ईमानदार और समर्पित इंजीनियर थीं, लेकिन भ्रष्टाचार के दबाव में उन्हें यह भयावह कदम उठाना पड़ा.