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असम में कोच-राजबोंगशी समुदाय का प्रदर्शन: एसटी दर्जा की मांग में हिंसा

असम के धुबरी जिले में कोच-राजबोंगशी समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन हिंसक हो गया। पुलिस की लाठीचार्ज के बाद कई लोग घायल हुए, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया। मुख्यमंत्री ने घटना की निंदा की और जांच के आदेश दिए। विपक्ष ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। जानें इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की चुनौतियों के बारे में।
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असम में कोच-राजबोंगशी समुदाय का प्रदर्शन: एसटी दर्जा की मांग में हिंसा

असम में प्रदर्शन का उग्र रूप

असम में प्रदर्शन: असम के धुबरी जिले के गोलकगंज क्षेत्र में कोच-राजबोंगशी समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा प्राप्त करने की मांग को लेकर आयोजित शांतिपूर्ण प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया। बुधवार रात, अखिल कोच-राजबोंगशी छात्र संघ (AKRSU) ने चिलाराई कॉलेज से गोलकगंज बाजार तक एक मशाल जुलूस निकाला, जिसमें हजारों लोग एसटी दर्जा और पृथक 'कामतापुर' राज्य की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने मार्च को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया, जिससे कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इस घटना के बाद धुबरी में व्यापक गुस्सा फैल गया और गुरुवार को 12 घंटे का बंद रखा गया।


सुरक्षा व्यवस्था में कड़ी निगरानी

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

बंद के दौरान सड़कें बंद रहीं और बाजार ठप रहे, जबकि बांग्लादेश की सीमा से लगे क्षेत्रों में सुरक्षा को कड़ा किया गया। कोच-राजबोंगशी के अलावा, ताई-अहोम, चुटिया, मटक, मोरन और चाय जनजातियों ने भी दशकों से एसटी का दर्जा पाने की मांग की है। उनका कहना है कि इस मान्यता से उनकी सांस्कृतिक पहचान, सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा और भूमि अधिकारों की रक्षा होगी। पूर्वी असम के मार्गेरिटा में मोरन छात्र संघ ने भी हाल ही में बड़ी संख्या में लोगों को संगठित करते हुए छठी अनुसूची के तहत स्वायत्तता की मांग की है। इसके अतिरिक्त, कोच-राजबोंगशी नेतृत्व ने पृथक कामतापुर राज्य की मांग को भी जोर-शोर से उठाया है.


सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने इस हिंसा की निंदा की है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पुलिस कार्रवाई की जांच के आदेश दिए। गोलकगंज पुलिस थाने के प्रभारी को निलंबित किया गया है, और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी जांच शुरू की गई है। घायल प्रदर्शनकारियों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है, और अधिकारियों ने समुदाय के नेताओं से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच पूरी होने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


विपक्ष की प्रतिक्रिया

गौरव गोगोई ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की

विपक्ष ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर आदिवासी समुदायों के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से छह असमिया समुदायों को एसटी का दर्जा देने का वादा पूरा करने की मांग की। असम जातीय परिषद के अध्यक्ष ने भी सरकार की आलोचना की.


भविष्य की चुनौतियाँ

अगले महीने विधानसभा सत्र में सरकार छह समुदायों की एसटी मान्यता पर रिपोर्ट पेश करेगी, लेकिन फिलहाल तनाव और आंदोलनों की आशंका बनी हुई है। प्रशासनिक चुनौतियों के बीच राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को पूरा करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है.