Newzfatafatlogo

असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति, 6.5 लाख लोग प्रभावित

असम में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है, जहां लगातार बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने से 6.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। ब्रह्मपुत्र समेत सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। राहत कार्य जारी हैं, लेकिन भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। जानें इस संकट के बारे में और अधिक जानकारी।
 | 
असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति, 6.5 लाख लोग प्रभावित

असम में बाढ़ की स्थिति


  • ब्रह्मपुत्र समेत सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं
  • भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है


गुवाहाटी: असम में बाढ़ की स्थिति अत्यंत गंभीर है। लगातार बारिश के कारण राज्य के कई क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ गया है, जिससे नए इलाकों में बाढ़ आ गई है। अधिकारियों के अनुसार, ब्रह्मपुत्र सहित सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़क, रेल और जल परिवहन सेवाएं प्रभावित हुई हैं। गुवाहाटी में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने भारी से बहुत भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है।


भारी बारिश की संभावना

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, राज्य के विभिन्न स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। धुबरी, दक्षिण सलमारा-मनकाचर, गोलपारा और कोकराझार में गरज के साथ बारिश और 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवा चलने की संभावना है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह से ही निचले असम के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। बारपेटा, बोंगाईगांव, नलबाड़ी, गोलपारा और बक्सा में कई स्थान प्रभावित हुए हैं। कुल मिलाकर 69 राजस्व सर्किलों और 21 जिलों के 1,506 गांवों में 6,33,114 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।


जान गंवाने वालों की संख्या

अधिकारियों के अनुसार, एएसडीएमए की 3 जून की रात की रिपोर्ट के अनुसार हैलाकांडी, श्रीभूमि, मोरीगांव, कछार, सोनितपुर और तिनसुकिया जिलों में छह और लोगों की जान चली गई। इस प्रकार इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 17 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य के 21 जिलों में लगभग 6.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।


श्रीभूमि जिला सबसे अधिक प्रभावित

असम का श्रीभूमि जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 2,31,536 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके बाद नागांव में 99,819 और कछार में 89,344 लोग प्रभावित हैं। कुल मिलाकर, 223 राहत शिविर चालू हैं, जो 39,746 विस्थापित लोगों को आश्रय प्रदान कर रहे हैं। 288 अन्य राहत वितरण केंद्र भी कार्यरत हैं। सात नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिनमें हैलाकांडी जिले के मतिजुरी में कटखाल नदी अपने उच्चतम स्तर को पार कर गई है।