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असम में वोटर लिस्ट का विशेष संशोधन: 10.56 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए

असम में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का विशेष संशोधन किया गया है, जिसमें 10.56 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। यह प्रक्रिया 22 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच हुई, जिसमें मतदाताओं के घर-घर जाकर जांच की गई। मतदाता 22 जनवरी तक दावे और आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं, और अंतिम चुनावी सूची 10 फरवरी को प्रकाशित होगी। जानें डी-वोटर क्या होते हैं और इस प्रक्रिया में कितने घरों की जांच की गई।
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असम में वोटर लिस्ट का विशेष संशोधन: 10.56 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए

असम में वोटर लिस्ट का विशेष संशोधन


मतदाता 22 जनवरी तक दावे और आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं, अंतिम चुनावी सूची 10 फरवरी को प्रकाशित होगी
गुवाहाटी: असम में विधानसभा चुनाव से लगभग छह महीने पहले वोटर लिस्ट का विशेष संशोधन किया गया है। इस प्रक्रिया में 10,56,291 व्यक्तियों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। असम में यह विशेष संशोधन 22 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच किया गया। इस दौरान मतदाताओं के घर-घर जाकर जांच की गई, जिसके बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की गई। मतदाता 22 जनवरी तक दावे और आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं।


अंतिम चुनावी सूची 10 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। शनिवार को जारी ड्राफ्ट रोल के अनुसार, असम में कुल 2,51,09,754 मतदाता हैं, जिनमें से 93,021 से अधिक डी-वोटर यानी संदिग्ध मतदाता शामिल नहीं हैं। वोटर लिस्ट से नाम हटाने का कारण मृत्यु, स्थानांतरण या डुप्लीकेट प्रविष्टियां हैं।


डी-वोटर क्या होते हैं?

डी-वोटर वे लोग होते हैं जिनकी नागरिकता पर सरकार को संदेह होता है। ऐसे व्यक्तियों को वोट देने की अनुमति नहीं होती। इन्हें फॉरेनर्स एक्ट, 1946 के तहत विशेष ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारित किया जाता है और इन्हें वोटर कार्ड भी नहीं दिया जाता। इन डी-वोटर्स की जानकारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में अलग से जोड़ी गई है।


61 लाख घरों में वेरिफिकेशन

इस प्रक्रिया के तहत असम में 61 लाख से अधिक घरों में जाकर वेरिफिकेशन किया गया। इसमें हजारों चुनाव अधिकारी, बूथ लेवल अधिकारी और पर्यवेक्षक शामिल थे। इसके अलावा, राजनीतिक दलों ने निगरानी के लिए 61,533 बूथ लेवल एजेंट तैनात किए। इस प्रक्रिया के बाद राज्य में 31,486 मतदान केंद्र निर्धारित किए गए।