अहमदाबाद विमान दुर्घटना: क्रू मेंबर्स की सुरक्षा पोजीशन का महत्व

अहमदाबाद विमान दुर्घटना का विवरण
Ahemdabad Plane Crash: अहमदाबाद के वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद एक विमान में तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटना घटित हुई। यह विमान लंदन के लिए उड़ान भर रहा था और इसमें लगभग 242 लोग सवार थे। इस हादसे में सभी यात्रियों और क्रू सदस्यों की जान चली गई, केवल एक यात्री बचा, जो लंदन से भारत के दमन घूमने आया था। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में हुई यह घटना भारत के लिए एक दुखद दिन बन गई है।
दुर्घटना के कारणों की जांच
इस दुर्घटना के बाद, विमान के क्रैश होने के कारणों की जांच की जा रही है। इसमें कैबिन क्रू द्वारा अपनाए जाने वाले सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यदि आपने कभी विमान यात्रा की है, तो आपने देखा होगा कि उड़ान भरने और लैंडिंग के समय फ्लाइट अटेंडेंट अपने हाथों को जांघों के नीचे रखकर सीधे बैठते हैं। यह प्रक्रिया सामान्य है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है? आइए जानते हैं।
ब्रेस पोजीशन का महत्व
क्यों बैठते हैं इस स्थिति में?
उड़ान के दौरान, क्रू मेंबर्स को सुरक्षा से संबंधित नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। जब विमान उड़ान भरता है या लैंडिंग के लिए उतरता है, तब सभी क्रू मेंबर्स को अपनी सीट पर बैठकर अपने हाथों को जांघों के नीचे दबाकर रखना होता है। इसे ब्रेस पोजीशन कहा जाता है, जो आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहने का संकेत देती है। यह एक मानक सुरक्षा प्रक्रिया है, जो क्रू को टकराव या झटकों से बचाने में मदद करती है।
ब्रेस पोजीशन का उद्देश्य
क्या है ब्रेस पोजीशन
इस ब्रेस पोजीशन का मुख्य उद्देश्य शरीर के अंगों को अधिक सुरक्षा प्रदान करना है। जब क्रू अपने हाथों को जांघों के नीचे दबाते हैं, तो इससे उनके कंधों और भुजाओं को सहारा मिलता है, जिससे चोट लगने की संभावना कम होती है। यह स्थिति रीढ़ की हड्डी को भी सहारा देती है और शरीर के निचले हिस्से को स्थिर रखती है। कई बार फ्लाइट अटेंडेंट्स को अचानक झटके लगने पर गंभीर चोटें लग जाती थीं, लेकिन इस स्थिति में बैठने से सिर और गर्दन पर चोट लगने की संभावना कम हो जाती है।
क्रू मेंबर्स की ट्रेनिंग
ट्रेनिंग में सिखाया जाता है
क्रू मेंबर्स को उनकी ट्रेनिंग के दौरान सुरक्षा पोजीशनों के बारे में जानकारी दी जाती है। उन्हें नियमित रूप से ऐसे अभ्यास करने होते हैं, ताकि आपातकालीन स्थिति में वे सुरक्षित रह सकें। उनकी जिम्मेदारी केवल अपनी नहीं होती, बल्कि विमान में बैठे सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी होती है। इसलिए, पहले वे खुद को सुरक्षित रखते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर मदद कर सकें।