Newzfatafatlogo

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: पायलट के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

अहमदाबाद में हुई एक विमान दुर्घटना में पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल की मौत के बाद उनके पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के साथ मिलकर इस दुर्घटना की न्यायिक निगरानी में जांच की मांग की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मौजूदा जांच पक्षपातपूर्ण है और इसमें तकनीकी कारणों की अनदेखी की गई है। जानें इस मामले में क्या नया है और आगे की कार्रवाई क्या होगी।
 | 
अहमदाबाद विमान दुर्घटना: पायलट के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

अहमदाबाद विमान दुर्घटना का विवरण


अहमदाबाद विमान दुर्घटना: 12 जून को एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 241 लोगों की जान गई। इस हादसे में कैप्टन सुमीत सभरवाल भी शामिल थे, जो विमान के पायलट थे। उनके पिता ने फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) के सहयोग से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें इस दुर्घटना की न्यायिक निगरानी में जांच की मांग की गई है। उन्होंने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा चल रही जांच को समाप्त करने की भी अपील की है।


न्यायिक निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग

10 अक्टूबर को दायर की गई याचिका में अनुरोध किया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्वतंत्र विमानन विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए ताकि दुर्घटना की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो सके। इसमें यह आरोप लगाया गया है कि एएआईबी द्वारा तैयार की गई प्रारंभिक रिपोर्ट दोषपूर्ण और पक्षपातपूर्ण है, जिसमें दुर्घटना का कारण पायलट की गलती बताया गया है, जबकि गंभीर तकनीकी और प्रणालीगत कारकों की अनदेखी की गई है।


फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स की भूमिका

6,000 से ज़्यादा पायलटों का संगठन है फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स


कैप्टन सभरवाल के पिता पुष्कर राज सभरवाल और 6,000 से अधिक पायलटों वाले फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने मौजूदा जांच को रद्द करने और सभी रिकॉर्ड को न्यायिक निगरानी वाली समिति को सौंपने की मांग की है। उनका कहना है कि केवल एक स्वतंत्र, विशेषज्ञों के नेतृत्व वाली जांच ही जवाबदेही सुनिश्चित कर सकती है और जनता का विश्वास बहाल कर सकती है।


AAIB की जांच पर उठाए सवाल

AAIB की जांच रिपोर्ट पर दिवंगत पायलट के पिता ने उठाए सवाल


याचिका में कहा गया है कि पांच सदस्यीय एएआईबी जांच दल की संरचना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन करती है, क्योंकि इसमें नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारी शामिल हैं, जिनकी नियामक निगरानी स्वयं जांच के दायरे में है। बोइंग और जीई, जिनके उपकरण इस मामले में शामिल थे, के प्रतिनिधियों को शामिल करने से भी जांच की स्वतंत्रता को खतरे में डालने का प्रयास किया गया है।


दुर्घटना का संक्षिप्त विवरण

गौरतलब है कि, 12 जून को अहमदाबाद के इंटरनेशनल एअरपोर्ट से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने के 30 सेकंड के भीतर ही एअर इंडिया का विमान बड़े हादसे का शिकार हो गया था। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिसमें से 241 की मृत्यु हो गई और केवल एक व्यक्ति ही जीवित बच पाया। मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी शामिल थे, जो अपने परिजनों से मिलने लंदन जा रहे थे।