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अहमदाबाद विमान हादसे का प्रत्यक्षदर्शी ने किया भयावह मंजर का वर्णन

गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे के प्रत्यक्षदर्शी आकाश पटनी ने घटना के भयावह मंजर का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपने घर की छत से विमान को गिरते देखा और उस दिन का अनुभव कितना डरावना था। इस हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमों की मेहनत और सरकार के प्रयासों की भी चर्चा की गई है। जानें पूरी कहानी में क्या हुआ और कैसे राहत कार्य चल रहा है।
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अहमदाबाद विमान हादसे का प्रत्यक्षदर्शी ने किया भयावह मंजर का वर्णन

अहमदाबाद में विमान दुर्घटना का भयावह अनुभव

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे के बारे में प्रत्यक्षदर्शी आकाश पटनी ने कहा कि यह दृश्य अत्यंत डरावना था, जिसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है।


शनिवार को बातचीत के दौरान, आकाश पटनी ने बताया कि वह गुजरात हाउसिंग बोर्ड के एक नंबर ब्लॉक में रहते हैं। उन्होंने कहा कि जो घटना घटी, उसे शब्दों में नहीं कह सकते। यह एक भयानक दृश्य था। उस दिन वह अपने घर पर थे और पत्नी के साथ छत पर गए थे। तभी उन्होंने देखा कि एक विमान उनकी ओर आ रहा है।


उनका शरीर कांपने लगा। विमान पहले एक पेड़ से टकराया और फिर हॉस्टल की बिल्डिंग पर गिर गया। चारों ओर फैले धुएं के कारण उन्हें कुछ समय के लिए दिखाई नहीं दिया। जैसे-तैसे वे छत से नीचे आए। धमाका इतना तेज था कि आसपास की इमारतों में रहने वाले लोग भी सुरक्षित स्थान पर इकट्ठा हो गए।


पटनी ने उस मेस का भी जिक्र किया, जहां विमान गिरा था। उन्होंने कहा, "रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हम भी वहां गए थे। खाने की प्लेट में खाना वैसा का वैसा ही था। इसके बाद लोगों ने समझा कि छात्र खाना खाने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही यह भयानक हादसा हो गया।"


अहमदाबाद विमान हादसे के स्थल पर एनडीआरएफ, सीआईएसएफ और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की टीमें शनिवार को पहुंचीं।


राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में कई अधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें विशेष रूप से गुजरात के फोरेंसिक वैज्ञानिकों की टीम पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो पिछले दो रातों से बिना आराम किए काम कर रहे हैं ताकि परिवारों के लिए डीएनए मिलान में तेजी लाई जा सके।


राज्य के प्रयासों के अलावा, भारत सरकार ने भी बड़ी संख्या में फोरेंसिक विशेषज्ञों को सहायता के लिए भेजा है। वर्तमान में, गुजरात सरकार द्वारा तैनात 36 फोरेंसिक विशेषज्ञ काम कर रहे हैं।