अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त: 265 की मौत

एयर इंडिया का विमान हादसा
गुरुवार को एयर इंडिया का एक विमान, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, टेक-ऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान सिविल अस्पताल और बीजे मेडिकल कॉलेज के निकट एक रिहायशी क्षेत्र में गिरा। इस हादसे में कम से कम 265 लोगों की जान गई, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और चार एमबीबीएस छात्र शामिल हैं। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें दो पायलट और 10 क्रू सदस्य भी थे। इस भयानक घटना में एकमात्र जीवित बचे यात्री रमेश विश्वाश हैं।
यात्रियों की राष्ट्रीयता
विमान में सवार 230 यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक शामिल थे। नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बताया कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस मामले की जांच कर रहा है और सरकार एयर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करेगी।
दुनिया भर से शोक
इस हादसे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटिश किंग चार्ल्स तृतीय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है, जबकि पीएम मोदी ने इसे एक 'हृदयविदारक त्रासदी' करार दिया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
हादसे की गंभीरता
गृह मंत्री अमित शाह ने जानकारी दी कि विमान में 1.25 लाख लीटर ईंधन था, जिससे आग इतनी भयंकर हो गई कि बचाव की कोई संभावना नहीं थी। हालांकि, रमेश नामक यात्री को जीवित बचा लिया गया है और उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। मृतकों के डीएनए सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए लिए जा चुके हैं।
मेडिकल कॉलेज पर मलबा गिरा
विमान दुर्घटना के दौरान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर भी मलबा गिरा, जिससे कई छात्र घायल हुए। मृतकों की पहचान डीएनए रिपोर्ट के माध्यम से की जाएगी। डीजीसीए ने पुष्टि की है कि टेक-ऑफ के बाद पायलट ने 'मेडे' कॉल दी थी, लेकिन कुछ ही सेकंड में संपर्क टूट गया।
विमान सुरक्षा की समीक्षा
यह घटना भारत के इतिहास में दूसरी सबसे भयानक विमान दुर्घटना मानी जा रही है। एयर इंडिया के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और सीईओ कैंपबेल विल्सन ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और परिजनों को जानकारी देने के लिए हॉटलाइन नंबर जारी किया गया है। सरकार की प्राथमिकता अब राहत और पुनर्वास कार्यों को तेज करना है, जबकि देश इस गहरे सदमे से उबरने की कोशिश कर रहा है।