अहमदाबाद हवाई दुर्घटना: पायलटों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

अहमदाबाद हवाई दुर्घटना का विवरण
अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद एक बोइंग 787-ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयानक घटना में 274 लोगों की जान चली गई। यह हादसा तब हुआ जब विमान हवा में ही एक कॉलेज हॉस्टल की इमारत पर गिर गया, जिससे विमानन उद्योग में हड़कंप मच गया। इस दुर्घटना ने पायलटों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाला है।
पायलटों की छुट्टी का कारण
विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने बताया कि 16 जून को 61 वरिष्ठ पायलटों और 51 उड़ान अधिकारियों ने छुट्टी के लिए आवेदन किया। पायलटों ने इस भयानक घटना के बाद अपनी मानसिक सेहत को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। नायडू ने कहा, "61 वरिष्ठ पायलटों और 51 उड़ान अधिकारियों ने छुट्टी के लिए आवेदन दिया था, जिसमें उन्होंने अपने मानसिक स्वास्थ्य को पहचानने और उसका प्रबंधन करने की आवश्यकता पर बल दिया।"
मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी
यह घटना विमानन क्षेत्र में पायलटों के मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर करती है। पायलटों को न केवल उड़ान की जिम्मेदारी निभानी होती है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होता है। ऐसी त्रासदियों का उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
एयर इंडिया ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए पायलटों के लिए काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही, विमानन मंत्रालय ने भी इस दिशा में नीतिगत बदलावों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। इस हादसे ने न केवल सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए हैं, बल्कि कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को भी उजागर किया है।