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आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के प्रतिनिधिमंडल का चंडीगढ़ में अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली का अध्ययन

आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के प्रतिनिधियों का एक दल चंडीगढ़ नगर निगम का दौरा कर रहा है, जहां उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली का अध्ययन किया। इस दौरे का उद्देश्य चंडीगढ़ की सफलताओं को समझना और उन्हें अपने नगर पालिकाओं में लागू करना है। प्रतिनिधिमंडल ने कूड़ा अलग करने, कम्पोस्टिंग और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों का अवलोकन किया। जानें इस दौरे के दौरान क्या-क्या महत्वपूर्ण बातें सामने आईं।
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आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के प्रतिनिधिमंडल का चंडीगढ़ में अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली का अध्ययन

चंडीगढ़ में अध्ययन दौरा


चंडीगढ़ समाचार: चंडीगढ़ में आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के प्रतिनिधियों का एक दल नगर निगम का दौरा करने आया। इस दल में इंजीनियर और निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल थे।


शहर के मेयर ने इन प्रतिनिधियों का स्वागत किया। आयुक्त अमित कुमार और विशेष आयुक्त प्रदीप कुमार ने भी उनका स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ की अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की सराहना की।


प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के मुख्य बिंदु

इस अध्ययन दौरे का मुख्य उद्देश्य चंडीगढ़ नगर निगम की अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को समझना और इसे अपने नगर पालिकाओं में लागू करना था।


प्रतिनिधिमंडल ने कूड़ा अलग करने, कम्पोस्टिंग इकाइयों और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों का अवलोकन किया।


अपशिष्ट संयंत्र का अवलोकन

प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ नगर निगम की अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की सराहना की। हाल ही में, नगर निगम ने कई सुधार किए हैं, जिनमें एक नया हॉर्टिकल्चर वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट शामिल है।


इसके अलावा, चंडीगढ़ में वेस्ट टू वंडर पार्क की स्थापना की गई है, जो अपशिष्ट से बने आकर्षक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।


नगर निगम ने 300 टन प्रतिदिन क्षमता वाला एक आधुनिक कम्पोस्ट प्लांट भी स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य शहर के गीले कचरे का 100% प्रसंस्करण करना है।


इन पहलों ने चंडीगढ़ को अपशिष्ट प्रबंधन में एक आदर्श शहर बनाने में मदद की है और अन्य शहरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।


अध्ययन पर्यटन का उद्देश्य

प्रतिनिधिमंडल ने ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में नगर निगम चंडीगढ़ द्वारा लागू की गई सर्वोत्तम प्रथाओं और अभिनव पहलों को समझने का प्रयास किया।


उन्होंने अपशिष्ट अलगाव, खाद इकाइयों और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों का दौरा किया और उनकी समीक्षा की।