आंध्र प्रदेश की महिलाओं की तस्करी: एक दर्दनाक कहानी
आंध्र प्रदेश में तस्करी का बढ़ता खतरा
नई दिल्ली - आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र के अनंतपुर और कुडप्पा जिलों में सूखे की स्थिति ने आर्थिक संकट को और बढ़ा दिया है। इस कठिनाई का फायदा उठाकर तस्कर गरीब महिलाओं और लड़कियों को रोजगार का झांसा देकर दिल्ली, मुंबई, पुणे और खाड़ी देशों में भेज रहे हैं। कई गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि यह तस्करी का नेटवर्क सऊदी अरब समेत अन्य देशों में सक्रिय है। इस जाल में फंसी एक महिला ने अपने जीवन के दर्दनाक अनुभव साझा किए हैं।
पीड़िता, जिसने अपना नाम पार्वती बताया है, दो बच्चों की मां है। उसके पति के लकवे के बाद परिवार की जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ गई। आर्थिक तंगी के चलते उसने सऊदी अरब में नौकरी करने का निर्णय लिया, लेकिन वहां उसे ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा जिसकी उसने कभी कल्पना नहीं की थी। पार्वती ने बताया कि एक स्थानीय दलाल ने उसे अच्छे वेतन और सुरक्षित काम का आश्वासन दिया था, लेकिन सऊदी पहुंचते ही उसे एक परिवार को लाखों रुपये में बेच दिया गया।
पार्वती ने कहा कि उसे पहले एक सप्ताह तक एक घर में रखा गया, लेकिन बाद में उसे एक ऐसे स्थान पर भेजा गया जहां उसकी जिंदगी एक भयावह कैद में बदल गई। उसने बताया कि एक 90 वर्षीय व्यक्ति ने उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की, लेकिन वह बच गई। अगले दिन घर के मालिक के बेटे ने भी उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश की। उन्होंने उसे सिगरेट से दागा और उसे मजबूर किया कि वह घर में रहने वालों की बात माने।
महिला ने कहा कि उसे एक लड़के के साथ सोना पड़ा, जो उसके बेटे की उम्र का था। उस लड़के ने जब उसका बलात्कार किया, तब उसके पिता मोबाइल पर पोर्न वीडियो दिखा रहे थे। उन्होंने एक सप्ताह तक उसे खाना नहीं दिया और उसे बाथरूम की टंकी से पानी पीने के लिए मजबूर किया। वे उसे पीरियड के दौरान भी नहीं छोड़ते थे। घर में आने वाले मेहमान भी उसका शोषण करते थे। जब उसने अपने ब्रोकर को यह सब बताया, तो उसने कहा कि उसे पांच लाख रुपये में बेचा गया है।
पार्वती ने अंततः उस घर से बाहर निकलने और उनके खिलाफ आवाज उठाने का निर्णय लिया। अंततः, उन्होंने उसे छोड़ दिया और वह पुलिस की मदद से भारत लौटने में सफल रही। पार्वती को 2016 में सऊदी अरब से मुक्त कराया गया था।
