आंध्र प्रदेश में चक्रवात मोन्था का प्रभाव: स्थिति गंभीर, नाइट कर्फ्यू लागू
चक्रवात मोन्था का असर
नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश में चक्रवात मोन्था के टकराने से स्थिति गंभीर हो गई है। तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण कई जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, चक्रवात के तट पार करने के बाद इसकी तीव्रता कम हो गई है, लेकिन बारिश का खतरा अभी भी बना हुआ है। सरकार ने कृष्णा, एलुरु और काकीनाडा सहित सात जिलों में रात का कर्फ्यू लागू कर दिया है। कई क्षेत्रों में पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके चलते राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 45 टीमें तैनात की गई हैं।
तूफान की स्थिति
आईएमडी ने अपने 2:30 बजे के अपडेट में बताया कि चक्रवात मोन्था 10 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और इसकी तीव्रता कम हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार, तूफान नरसापुर से लगभग 20 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम, मछलीपट्टनम से 50 किलोमीटर उत्तर-पूर्व और काकीनाडा से 90 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है।
अधिकारियों ने बताया कि तूफान के कमजोर होने की उम्मीद पहले से ही थी, क्योंकि यह आंतरिक क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है। पश्चिमी गोदावरी, कृष्णा और पूर्वी गोदावरी जिलों में भारी बारिश और तेज हवाएं जारी हैं, जिससे बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।
आईएमडी का अपडेट
आईएमडी ने एक पोस्ट में कहा कि गंभीर चक्रवाती तूफान मोन्था मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश और यानान तटों को पार कर चुका है। आधी रात के बाद भूस्खलन की प्रक्रिया पूरी हो गई थी।
चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और तूफानी हवाएं चल रही हैं, जिससे कई जिलों में पेड़ उखड़ गए और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
रात्रि कर्फ्यू और यातायात प्रतिबंध
आंध्र प्रदेश सरकार ने चक्रवात प्रभावित जिलों में रात 8:30 बजे से सुबह 6 बजे तक वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। केवल आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को इस कर्फ्यू से छूट दी गई है। अधिकारियों ने निवासियों से घर के अंदर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को सभी सड़क यातायात को रोकने का निर्देश दिया गया है। मछलीपट्टनम के मंगिनापुडी बीच रोड पर तेज हवाओं के कारण बिजली की लाइनों पर एक पेड़ गिर गया, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
चक्रवात का असर और राहत कार्य
चक्रवात के प्रभाव से मछलीपट्टनम में 5.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी बारिश हुई है। नेल्लोर जिले में पिछले 36 घंटों से लगातार बारिश हो रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि अगले 12 घंटों में भारी बारिश की संभावना है। इस बीच, कोनासीमा जिले में तेज आंधी के कारण एक पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई।
उड़ानें और ट्रेनें रद्द
चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश में उड़ान संचालन प्रभावित हुआ है। विशाखापट्टनम हवाई अड्डे पर 32, विजयवाड़ा हवाई अड्डे पर 16 और तिरुपति हवाई अड्डे पर चार उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के मद्देनजर 120 ट्रेनें रद्द की गई हैं। एनडीआरएफ ने राहत कार्य के लिए 45 टीमें तैनात की हैं।
ओडिशा में अलर्ट
ओडिशा भी चक्रवात मोन्था के प्रभाव से प्रभावित हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2,000 से अधिक आपदा राहत केंद्र खोले गए हैं और 11,396 लोगों को इन केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों को कुछ स्थलों पर जाने से रोका गया है और स्कूलों को 30 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है।
सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द
ईस्ट कोस्ट रेलवे ने कुछ ट्रेनों को रद्द करने और उनके मार्ग बदलने की घोषणा की है। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां भी 30 अक्टूबर तक रद्द कर दी गई हैं। मछुआरों को भी समुद्र में जाने से मना किया गया है।
आईएमडी ने मंगलवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अत्यधिक भारी वर्षा का अनुमान लगाया गया है।
