आंध्र प्रदेश में डेंगू के बढ़ते मामलों के खिलाफ स्वास्थ्य अधिकारियों की चेतावनी
आंध्र प्रदेश में डेंगू के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर, स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसके प्रसार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। मानसून के मौसम में मच्छरों के पनपने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे डेंगू का खतरा बढ़ता है। अधिकारियों ने समुदायों से स्वच्छता, मच्छर नियंत्रण, और जागरूकता बढ़ाने के उपायों में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। जानें डेंगू के लक्षण और बचाव के तरीके।
Jul 1, 2025, 13:38 IST
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डेंगू के खतरे से निपटने के उपाय
आंध्र प्रदेश में डेंगू के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने इसके प्रसार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह चेतावनी विशेष रूप से मानसून के दौरान महत्वपूर्ण है, जब मच्छरों के पनपने की संभावना अधिक होती है। अधिकारियों ने बताया कि डेंगू एक गंभीर बीमारी है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने स्थानीय समुदायों और निकायों से सक्रिय रूप से निवारक उपायों में भाग लेने का अनुरोध किया है।इन उपायों में शामिल हैं:
- स्वच्छता: अपने आस-पास पानी जमा न होने देना, क्योंकि मच्छर साफ पानी में पनपते हैं।
- मच्छर नियंत्रण: मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करना, जैसे कूलर, गमले, पुराने टायर और अन्य स्थानों पर जमा पानी को नियमित रूप से खाली करना।
- जागरूकता: लोगों को डेंगू के लक्षणों और बचाव के तरीकों के बारे में शिक्षित करना।
- प्रारंभिक निदान और उपचार: यदि किसी को बुखार या डेंगू के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी संबंधित विभागों को एकजुट होकर काम करने और एक व्यापक कार्ययोजना लागू करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य बीमारी के फैलने से पहले ही उसे नियंत्रित करना है। यह सुनिश्चित करना हर नागरिक और प्रशासन की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हमारा वातावरण स्वच्छ रहे और मच्छर जनित बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। 'सावधानी ही बचाव है' – यह मंत्र डेंगू के खिलाफ हमारी सबसे बड़ी ढाल है।