आंध्र प्रदेश में तकनीक का नया युग: चंद्रबाबू नायडू का सैटेलाइट गवर्नेंस मॉडल

आंध्र प्रदेश में तकनीक का नया युग
आंध्र प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक प्रणाली में तकनीक का उपयोग कोई नई बात नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने एक ऐसा कदम उठाया है जो शासन की परिभाषा को बदल सकता है। अब नायडू सरकार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सहायता से सैटेलाइट तकनीक का उपयोग कर शासन चलाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को रियल टाइम अलर्ट और सेवाएं प्रदान करना है।
ऐतिहासिक समझौता
सोमवार को राज्य सरकार और इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर (SHAR) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ। इस पांच साल के करार के तहत, इसरो की सैटेलाइट इमेजरी और वैज्ञानिक जानकारी का उपयोग आंध्र प्रदेश के रियल टाइम गवर्नेंस सिस्टम (RTGS) में किया जाएगा। यह सहयोग कृषि, मौसम, आपदा प्रबंधन, और शहरी नियोजन जैसे क्षेत्रों में सहायक होगा।
AWARE प्लेटफॉर्म को मिलेगी नई ताकत
इस समझौते के बाद, AWARE प्लेटफॉर्म को सैटेलाइट, ड्रोन, IoT, सेंसर, मोबाइल फीड और CCTV जैसी तकनीकों से जोड़ा जाएगा। इनका उद्देश्य आम जनता और सरकार को एक साथ सही और त्वरित जानकारी प्रदान करना है। SMS, वॉट्सऐप, मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से नागरिकों को रियल टाइम अलर्ट और सलाह भेजी जा सकेंगी।
‘वॉट्सऐप सरकार’ की पहचान
चंद्रबाबू नायडू की सरकार पहले से ही डिजिटल गवर्नेंस में अग्रणी रही है। आंध्र प्रदेश की सरकार को ‘वॉट्सऐप सरकार’ के नाम से भी जाना जाता है। जनवरी 2025 में ‘मन मित्र’ नाम की सेवा शुरू की गई थी, जिसके तहत नागरिक वॉट्सऐप नंबर 9552300009 पर संदेश भेजकर 200 से अधिक सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
नागरिकों को तकनीक से जोड़ने की पहल
नायडू का यह कदम केवल तकनीक के उपयोग का नहीं, बल्कि नागरिकों को शासन प्रक्रिया से सीधे जोड़ने का एक अभिनव प्रयास है। अब आम जनता को बाढ़, चक्रवात, बारिश, फसल की स्थिति या ट्रैफिक जैसी समस्याओं की जानकारी रियल टाइम में मिल सकेगी।
भविष्य की झलक
इस नई व्यवस्था से आपात स्थितियों में तेज़ प्रतिक्रिया संभव होगी, साथ ही शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी। चंद्रबाबू नायडू का यह डिजिटल मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन सकता है। यह दर्शाता है कि यदि इच्छाशक्ति हो, तो सैटेलाइट तकनीक का उपयोग कर सरकार चलाई जा सकती है।