आंध्र प्रदेश में बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ वामपंथी दलों का विरोध
आंध्र प्रदेश में बिजली दरों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ वामपंथी दलों ने 5 अगस्त को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार की नीतियों के कारण आम जनता और किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। वाम दलों ने पहले भी धरने दिए थे, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया। अब वे इस मुद्दे को और अधिक गंभीरता से उठाने के लिए तैयार हैं।
Jul 29, 2025, 14:01 IST
| विरोध प्रदर्शन की तैयारी
आंध्र प्रदेश में बिजली की दरों में निरंतर वृद्धि के खिलाफ वामपंथी दल अब सड़कों पर उतरने की योजना बना रहे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)] ने 5 अगस्त को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने का निर्णय लिया है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार की नीतियों के कारण आम जनता, किसानों और छोटे व्यवसायियों पर आर्थिक दबाव बढ़ रहा है।वाम दलों ने जुलाई में भी बिजली कार्यालयों के सामने धरने दिए थे, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब वे इस विरोध को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए तैयार हैं। सीपीआई के राज्य सचिव के रामकृष्णा और सीपीआई(एम) के राज्य सचिव वी श्रीनिवास राव ने एक संयुक्त बयान में कहा कि बिजली शुल्कों में वृद्धि ने छोटे किसानों, कारीगरों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और आम उपभोक्ताओं के लिए जीवन कठिन बना दिया है।
उनका कहना है कि फिक्स्ड चार्जेज, बिजली बिलों पर अधिभार (सरचार्ज) और ईंधन समायोजन शुल्क (FCA) जैसे अतिरिक्त शुल्कों ने उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर दिया है। नेताओं ने याद दिलाया कि वर्तमान वाईएसआरसीपी सरकार ने चुनाव से पहले किसानों को मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसने जनता पर बिजली दरों का अतिरिक्त बोझ डाल दिया है।
5 अगस्त को होने वाले विरोध प्रदर्शन के तहत राज्य भर के बिजली कार्यालयों पर वाम दल के कार्यकर्ता और समर्थक एकत्रित होंगे। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस जनविरोधी नीति के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं और प्रदर्शन में भाग लें। वाम दलों की मुख्य मांग है कि बिजली शुल्कों में की गई वृद्धि को तुरंत वापस लिया जाए और उपभोक्ताओं पर लगाए गए सभी अतिरिक्त शुल्कों को समाप्त किया जाए।