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आकाश देव: मेहनत और जुनून से बने भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट

फरीदकोट के गांव कोट सुखिया के आकाश देव ने अपने कठिन परिश्रम और जुनून से भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया है। उनके संघर्ष की कहानी प्रेरणादायक है, जिसमें उन्होंने कई बाधाओं का सामना किया। आकाश का परिवार हमेशा से मेहनत-मजदूरी में लगा रहा है, और अब उनकी सफलता ने पूरे गांव को गर्वित किया है। जानें कैसे आकाश ने अपने सपनों को साकार किया और अपने परिवार को खुशियों से भर दिया।
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आकाश देव की प्रेरणादायक कहानी

फरीदकोट के गांव कोट सुखिया के निवासी आकाश देव ने साबित कर दिया है कि अगर किसी में कुछ अलग करने का जज़्बा हो, तो कोई भी मुश्किल उसे रोक नहीं सकती। आकाश ने अपने जीवन में कई काम किए, जैसे धान की रोपाई, भट्टों पर काम करना और मंडियों में सीजनिंग करना। उनका परिवार मेहनत-मजदूरी से जुड़ा हुआ है, और आकाश के पास कभी स्कूल की फीस के लिए पैसे नहीं होते थे, जिसके कारण अध्यापक उनकी फीस भरते थे। आकाश का जुनून उन्हें भारतीय वायुसेना में कांस्टेबल के पद पर भर्ती करवा चुका है, और अब वह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं।


जब भी आकाश को छुट्टी मिलती, वह अपने घर पर एक-दो दिन रुकते और फिर चंडीगढ़ जाकर अपनी पढ़ाई की तैयारी करते। उनकी मेहनत का फल तब मिला जब उन्होंने सिपाही से लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया। जैसे ही यह खबर पूरे इलाके में फैली, हर कोई परिवार को बधाई देने के लिए उनके घर पहुंचने लगा। आकाश के पिता, हाकम सिंह ने बताया कि आकाश हमेशा से मेहनती रहा है और उसने कभी भी किसी बात की शिकायत नहीं की। आज उनके परिवार में खुशियों का माहौल है, जिसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता।


आकाश की बहन ने कहा कि वे दोनों गांव के सरकारी स्कूल से पढ़े हैं और जब भी उनका भाई घर आएगा, वह उसका जोरदार स्वागत करेंगी और सबसे पहले उसे सैल्यूट करेंगी। उन्होंने कहा कि आकाश ने कभी हार नहीं मानी और आज वह एक वरिष्ठ अधिकारी बनकर घर लौट रहा है, जिससे उन्हें बहुत खुशी होगी।