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आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक

आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है। डॉ. दिनेश सिंह राठौर, जो कि संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक हैं, अपनी पत्नी के डेंटल क्लिनिक में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस से दूर रहने के लिए सरकार को निर्देश दिए हैं। इस आदेश के पीछे कई नियम और शासनादेश हैं, जो इस मामले को और जटिल बनाते हैं।
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आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक

प्राइवेट प्रैक्टिस पर प्रतिबंध

आगरा। मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय आगरा के निदेशक द्वारा एक अक्टूबर 2009 को जारी आदेश के अनुसार, चिकित्सकों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं है। इस नियम के तहत, चिकित्सकों को उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश संख्या 2576/सेक-2 पांच-09-7 (55)97 दिनांक 24 अगस्त 2009 के अनुसार प्रेक्टिस बन्दी भत्ता दिया जाएगा।

हालांकि, चिकित्सा अधीक्षक और कार्यवाहक निदेशक डॉ. दिनेश सिंह राठौर अपनी पत्नी के डेंटल क्लिनिक में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे अन्य सरकारी डॉक्टर भी निजी प्रैक्टिस से दूर रहें। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत ने मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के किडनी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद गुप्ता की याचिका पर दिया था। राज्य उपभोक्ता आयोग द्वारा निजी नर्सिंग होम में सेवा देने के लिए उन पर लगाए गए 10 लाख के हर्जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य से जवाब मांगा गया था।

वर्तमान कार्यवाहक निदेशक ने पहले चिकित्सा अधीक्षक रहते हुए अपने वेतन में वृद्धि की पुष्टि अपने हस्ताक्षर से की थी। यह आदेश 3 फरवरी 2016 के अंतर्गत शासनादेश संख्या-1725/पांच-7-2015-पन्द्रह-2A /2003 दिनांक-29 अगस्त 2015 के अनुसार जारी किया गया था। इस आदेश में कहा गया था कि संस्थान में निदेशक एवं शैक्षणिक संवर्ग के पदों के लिए उप्र राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अध्यापकों की सेवा नियमावली 1990 (अद्यतन संशोधित 2006) लागू की जाएगी। इसलिए, शासनादेश की तिथि 29.8.2015 से नियमावली लागू मानी जाएगी, जिसके अनुसार डॉ. दिनेश एस सिंह राठौर, सहायक प्रोफेसर मनोचिकित्सा को उनके वर्तमान वेतनमान 15600-39100 में ग्रेड पे 6600 के बजाय एकेडेमिक रूप से 2000/- दिया जाना स्वीकार किया गया।