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आगरा में धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा: कश्मीर और पाकिस्तान के तार

उत्तर प्रदेश के आगरा में एक धर्मांतरण सिंडिकेट की जांच में कश्मीर और पाकिस्तान के संबंधों का खुलासा हुआ है। गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के अनुसार, यह गिरोह ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से युवाओं को प्रभावित करता था। गिरोह का उद्देश्य 2050 तक भारत में इस्लाम का प्रसार करना था। जानें इस गिरोह की कार्यप्रणाली और इसके पीछे के मकसद के बारे में।
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आगरा में धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा: कश्मीर और पाकिस्तान के तार

धर्मांतरण सिंडिकेट की जांच में कश्मीर और पाकिस्तान का कनेक्शन

धर्मांतरण सिंडिकेट: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक धर्मांतरण सिंडिकेट की जांच में कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े संबंधों का पता चला है। हाल ही में गिरफ्तार किए गए 14 आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी सामने आई कि यह गिरोह ऑनलाइन गेम और लूडोस्टार के माध्यम से युवाओं का ब्रेनवॉश करता था, जिसके बाद धर्मांतरण की प्रक्रिया शुरू होती थी। इसके लिए क्राउड फंडिंग और क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जाता था, और यह धन फ़िलिस्तीन भेजा जाता था।


आगरा में धर्मांतरण सिंडिकेट की जांच में कश्मीर और पाकिस्तान कनेक्शन

जांच में यह भी सामने आया है कि तीन आरोपियों को डार्क वेब की अच्छी जानकारी थी। वे सुरक्षित प्लेटफार्मों जैसे डार्क वेब और सिग्नल का उपयोग करते थे ताकि उनकी गतिविधियाँ गुप्त रह सकें। पूछताछ में यह भी पता चला कि इस गिरोह का उद्देश्य 2050 तक भारत में इस्लाम का प्रसार करना था। धर्मांतरण की शिकार एक युवती ने बताया कि उसे 'दावा' के लिए कश्मीर बुलाया गया था और उसे योजना के बारे में बताया गया था।


धर्मांतरण की प्रक्रिया

धर्मांतरण की प्रक्रिया कैसे होती थी

हिंदू लड़कियों को इस्लामी चर्चाओं में शामिल किया जाता था, जहाँ उनके धर्म और परिवार के खिलाफ नकारात्मक विचार फैलाए जाते थे। कश्मीर में रहने वाली कुछ लड़कियाँ उन्हें पाकिस्तानी समूहों से जोड़ती थीं। यह गिरोह 'दावा' की प्रक्रिया अपनाता था, जिसका उद्देश्य भावनात्मक रूप से कमजोर लड़कियों को निशाना बनाना था।


आयशा और अब्दुल का धर्मांतरण सिंडिकेट

आयशा और अब्दुल का धर्मांतरण सिंडिकेट

यह संगठित गिरोह दिल्ली निवासी अब्दुल रहमान और गोवा निवासी आयशा के नेतृत्व में काम कर रहा था। अब्दुल रहमान फिरोजाबाद का रहने वाला है और उसने 1990 में इस्लाम धर्म अपनाया था। उसे कलीम सिद्दीकी का करीबी सहयोगी माना जाता है, जिसे एटीएस ने जेल भेजा था। इस सिंडिकेट में गिरफ्तार सभी आरोपियों के आयशा और अब्दुल रहमान से संबंध थे।


धर्मांतरण गिरोह की कार्यप्रणाली

धर्मांतरण गिरोह की कार्यप्रणाली इस प्रकार है:

1. हिंदू लड़कियाँ पाकिस्तानी प्रवचनों को सुनती थीं। कुछ लड़कियाँ कश्मीरी महिलाओं से जुड़ी थीं, जो उनके परिवार और धर्म के खिलाफ नकारात्मक विचार फैलाती थीं।

2. हिंदू लड़कियाँ पाकिस्तान से संचालित व्हाट्सएप ग्रुपों से जुड़ी थीं।

3. रहमान कुरैशी ने फिलिस्तीन के साथ क्राउड फंडिंग और क्रिप्टो करेंसी का काम किया है।

4. हिंदू लड़के-लड़कियों को लूडोस्टार जैसे ऑनलाइन गेम के माध्यम से बहकाया जाता था।

5. यह गिरोह 2050 तक भारत में इस्लाम फैलाने का लक्ष्य रखता था।