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आगरा में महालक्ष्मी मंदिर हादसा: चबूतरा गिरने से मची अफरा-तफरी

आगरा के महालक्ष्मी मंदिर में सोमवार शाम को चबूतरा गिरने से अफरा-तफरी मच गई। सैकड़ों लोग नदी के उफान को देखने के लिए इकट्ठा हुए थे, जब यह हादसा हुआ। प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और गोताखोरों को यमुना में उतारा गया। हालांकि, रात तक किसी भी व्यक्ति के लापता होने की सूचना नहीं मिली। यह घटना सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर करती है।
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आगरा में महालक्ष्मी मंदिर हादसा: चबूतरा गिरने से मची अफरा-तफरी

हादसे का विवरण

सोमवार शाम को आगरा के कमला नगर क्षेत्र में एक बड़ा हादसा होने से बच गया। यमुना नदी के किनारे स्थित महालक्ष्मी मंदिर में नदी के उफान को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि मंदिर के पीछे बना चबूतरा अचानक ढह गया और रैलिंग के साथ नदी में गिर गया। चबूतरे पर बैठे लोग मलबे के साथ नीचे गिर गए, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई.


घटना का समय और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही

यह घटना शाम करीब साढ़े छह बजे हुई, जब मंदिर में आरती चल रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लगभग 30 लोग चबूतरे पर बैठे थे। अचानक तेज आवाज के साथ चबूतरे का पिछला हिस्सा नदी में धंस गया। मंदिर में मौजूद गुड्डी देवी ने बताया कि आवाज सुनकर लोग बाहर भागे और देखा कि चबूतरे का हिस्सा गिर चुका है और कई लोग उसमें फंस गए।


प्रशासन की तत्परता

जैसे ही घटना की जानकारी मिली, पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया। जिलाधिकारी अरविंद बंगारू मलप्पा और डीसीपी सिटी सोनम कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल भी मौके पर पहुंचे। तुरंत गोताखोरों को यमुना में उतारा गया और एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। रात तक सर्च ऑपरेशन जारी रहा.


सुरक्षा की स्थिति

रात दस बजे तक किसी भी व्यक्ति ने पुलिस के पास अपने परिचित के लापता होने की शिकायत नहीं की, जिससे प्रशासन ने अनुमान लगाया कि जो लोग चबूतरे के साथ गिरे थे, वे सुरक्षित बाहर निकल आए। फिर भी एहतियात के तौर पर तलाशी अभियान जारी रखा गया ताकि कोई अनहोनी न हो.


चबूतरे का इतिहास

जानकारी के अनुसार, यह चबूतरा लगभग आठ साल पहले मंदिर के जीर्णोद्धार के दौरान बनाया गया था। इसे मजबूत पिलरों पर टिकाया गया था और यहां बैठने के लिए बैंच लगाई गई थीं। लोग अक्सर शाम को यहां बैठकर यमुना का नजारा देखते थे। इस बार नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है, लेकिन मंदिर में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे.


घटना का प्रभाव

घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अब तक किसी जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है। सुरक्षा एजेंसियां लगातार सर्च कर रही हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। यह घटना एक बार फिर इस ओर इशारा करती है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा प्रबंध कितने महत्वपूर्ण हैं.