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आजम खान को हाईकोर्ट से मिली जमानत, राजनीति में हलचल

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है, जिससे उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। यह निर्णय रामपुर के क्वालिटी बार कब्जे के मामले में आया है, जिसमें उनके खिलाफ गंभीर आरोप थे। अब उनकी वापसी से उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई हलचल मच सकती है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके राजनीतिक प्रभाव के बारे में।
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आजम खान को हाईकोर्ट से मिली जमानत, राजनीति में हलचल

आजम खान को मिली राहत

आजम खान: समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से महत्वपूर्ण राहत प्राप्त हुई है। कोर्ट ने रामपुर के विवादास्पद क्वालिटी बार कब्जे के मामले में उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय लिया। इससे आजम खान को लगभग सभी मामलों में जमानत मिल गई है, जिससे उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त हो गया है.


जमानत की प्रक्रिया

आजम खान ने पहले रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन 17 मई 2025 को उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का सहारा लिया। उनके वकील इमरान उल्ला और मोहम्मद खालिद ने प्रभावी ढंग से पैरवी की। अभियोजन पक्ष ने आरोपों को गंभीर बताते हुए जमानत का विरोध किया, लेकिन 21 अगस्त को कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। अंततः, हाईकोर्ट ने जमानत को मंजूरी दे दी.


क्वालिटी बार कब्जा मामला

21 नवंबर 2019 को गगन अरोड़ा नामक बार मालिक ने रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हाईवे पर स्थित सईद नगर हरदोई पट्टी के क्वालिटी बार पर जबरन कब्जे का आरोप लगाया था। तत्कालीन राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस जांच में आजम खान, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा, बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान और तत्कालीन चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी को आरोपी बनाया गया। आजम खान की रिहाई से रामपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई हलचल मच सकती है। समाजवादी पार्टी के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि आजम खान का क्षेत्र में व्यापक प्रभाव है। उनकी वापसी से सपा को नई ताकत मिल सकती है.