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आजमगढ़ के मौलाना शम्सुल हुदा खान पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप: क्या है पूरा मामला?

प्रवर्तन निदेशालय ने आजमगढ़ के मौलाना शम्सुल हुदा खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। मौलाना पर कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने और अवैध धन जुटाने के गंभीर आरोप हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि उन्होंने ब्रिटेन की नागरिकता के बावजूद भारत में वेतन लिया। ईडी अब उनके फंडिंग नेटवर्क और विदेशी संपर्कों की गहन जांच कर रही है। क्या इस मामले में और बड़े खुलासे होंगे? जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
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आजमगढ़ के मौलाना शम्सुल हुदा खान पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप: क्या है पूरा मामला?

मौलाना शम्सुल हुदा खान के खिलाफ कार्रवाई


आजमगढ़: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस्लामिक उपदेशक मौलाना शम्सुल हुदा खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है, जो वर्तमान में ब्रिटेन में निवास कर रहे हैं। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा पहले दर्ज की गई FIR के आधार पर की गई है। ईडी ने मौलाना के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत औपचारिक जांच आरंभ कर दी है।


कट्टरपंथी विचारधारा और अवैध धन जुटाने के आरोप

जांच एजेंसियों के अनुसार, मौलाना पर कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने और धार्मिक शिक्षा के नाम पर अवैध धन जुटाने के गंभीर आरोप हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस धन का उपयोग संदिग्ध गतिविधियों में किया जा सकता है।


ब्रिटिश नागरिकता के बावजूद भारत में वेतन

रिकॉर्ड के अनुसार, शम्सुल हुदा खान की नियुक्ति 1984 में आजमगढ़ के एक सरकारी सहायता प्राप्त मदरसे में सहायक शिक्षक के रूप में हुई थी। हालांकि, उन्होंने 2013 में ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त की। इसके बावजूद, उन पर आरोप है कि उन्होंने 2013 से 2017 के बीच भारत में शिक्षक के रूप में वेतन लिया, जबकि उस समय वे न तो भारतीय नागरिक थे और न ही मदरसे में पढ़ा रहे थे।


भारतीय बैंक खातों से करोड़ों की प्राप्ति

जांच में यह भी सामने आया है कि पिछले 20 वर्षों में शम्सुल हुदा खान ने कई देशों की यात्रा की। इस दौरान, उन्हें भारत में मौजूद 7 से 8 बैंक खातों के माध्यम से करोड़ों रुपये प्राप्त हुए। ईडी का दावा है कि उन्होंने 30 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत वाली एक दर्जन से अधिक संपत्तियां खरीदी हैं।


मदरसे की स्थापना और विदेशी फंडिंग का संदेह

जांच एजेंसियों के अनुसार, मौलाना ने राजा फाउंडेशन नामक एक एनजीओ और अपने निजी बैंक खातों के माध्यम से कई मदरसों को धन उपलब्ध कराया। आजमगढ़ और संत कबीर नगर में उनके द्वारा स्थापित दो मदरसों की मान्यता बाद में रद्द कर दी गई थी। अधिकारियों को संदेह है कि इन संस्थानों के माध्यम से विदेशी फंड का गलत इस्तेमाल किया गया।


कट्टरपंथी संगठनों से संबंधों की जांच

सूत्रों का कहना है कि शम्सुल हुदा खान के ब्रिटेन में कुछ कट्टरपंथी संगठनों से कथित संबंधों की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा, उनके पाकिस्तान दौरों और वहां मौजूद चरमपंथी संगठनों से संभावित संपर्क भी एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। आशंका जताई जा रही है कि उनके संबंध पाकिस्तानी संगठन 'दावत-ए-इस्लामी' से हो सकते हैं।


शम्सुल हुदा खान के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) के तहत धोखाधड़ी, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब ईडी उनके फंडिंग नेटवर्क, विदेशी संपर्कों और संपत्तियों की गहन जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।