आजमगढ़ में रिंग रोड परियोजना से जाम की समस्या का समाधान

आजमगढ़ में रिंग रोड का निर्माण
आजमगढ़ समाचार: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में बढ़ती जाम की समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने यहां रिंग रोड बनाने की स्वीकृति दे दी है। यह रिंग रोड जिले के 13 गांवों से होकर गुजरेगी, जिससे स्थानीय निवासियों को कई सुविधाएं मिलेंगी।
जिले में इस बाईपास को फोरलेन में बदलने का कार्य शुरू हो चुका है। रिंग रोड का निर्माण इस उद्देश्य से किया जा रहा है कि भारी वाहनों का शहर में प्रवेश न हो और जाम की समस्या को कम किया जा सके। आजमगढ़ में रिंग रोड बनने से शहर में लगने वाले जाम से राहत मिलेगी। इस परियोजना की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। रानी की सराय के सेमराहा अंडरपास से गोरखपुर दोहरीघाट मार्ग तक 15.7 किलोमीटर लंबे रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है।
प्राधिकरण के अनुसार, यह रिंग रोड वाराणसी लुंबिनी एनएच 233 से सेमराहा रानी की सराय गांव के पास किलोमीटर संख्या 218.800 से शुरू होकर, बैठौली बाईपास होते हुए प्रयागराज दोहरीघाट गोरखपुर मार्ग पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के 247.850 किलोमीटर पर उकरौडा के समीप जाकर मिलेगा।
इस परियोजना से लाभान्वित शहर
इस प्रोजेक्ट के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। प्रयागराज, मुंगरा बादशाहपुर, जौनपुर, आजमगढ़, और दोहरीघाट राजमार्ग के अंतर्गत आने वाले शहरों के पूर्वी छोर के बाईपास को फोरलेन में बदलने का कार्य प्रस्तावित है। इसके लिए निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है।
भूमि अधिग्रहण की जानकारी
इस रिंग रोड के निर्माण के लिए 27 गांवों के किसानों की 91.3991 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। एनएचएआई के सर्वे में जिन 27 गांवों को चिन्हित किया गया है, उनमें खैरपुर, जगजीवन, मौलाना पर माफी, ऊंचा गांव, तमोली, जीरकपुर, अबू सैदपुर, सारी शादी, गौरडीहा, आईमा, गौरड़िया, खालसा, बलेनादी, चक दुबे, गंगापुर, बदरुद्दीनपुर आदि शामिल हैं।