आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता: NSA डोभाल का संदेश

आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील
NSA अजीत डोभाल ने जोर दिया है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए, चाहे वे किसी भी स्थान से उत्पन्न हों। डोभाल ने सभी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों से अनुरोध किया कि वे उन देशों की पहचान करें जो आतंकियों को संरक्षण देते हैं और उनके खिलाफ एकजुट होकर कदम उठाएं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत दशकों से सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहा है, जिसका एक उदाहरण 26/11 का मुंबई हमला है। SCO के अन्य सदस्य देशों के सुरक्षा सलाहकार भी इस सत्र में उपस्थित थे।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने की पहल
डोभाल ने बताया कि पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के बाद, भारत ने आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन टीआरएफ ने ली थी, जिसमें 26 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। NSA ने कहा कि भारत की यह कार्रवाई संतुलित और गैर-उकसावे वाली थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमा पार आतंकवाद सहित किसी भी प्रकार का आतंकवादी कृत्य मानवता के खिलाफ अपराध है।
जीरो टोलरेंस नीति की आवश्यकता
डोभाल ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों को फंडिंग और हथियारों की आपूर्ति को रोकना अत्यंत आवश्यक है। डोभाल ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवादी नेटवर्क को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म, संस्कृति, नस्ल या राष्ट्रीयता से जोड़ना गलत है और यह पूरी वैश्विक समुदाय की जिम्मेदारी है कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कदम उठाएं।
SCO का आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक आवाज़ उठाने का मंच
NSA डोभाल ने SCO के सदस्य देशों से अपील की कि वे आतंकवादी हमलों के अपराधियों, योजनाकारों, वित्तपोषकों और संरक्षकों को जवाबदेह ठहराने में मदद करें। उन्होंने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के खिलाफ संयुक्त सूचना अभियान चलाने की भी वकालत की।