आयकर विधेयक में यूपीएस और एनपीएस के लिए नए नियमों की घोषणा

आयकर विधेयक का महत्वपूर्ण अपडेट
आयकर विधेयक का अद्यतन: एनपीएस और यूपीएस ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना। लोकसभा ने 11 अगस्त को आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 को पारित किया। यह विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम में संशोधन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत किया, जिसमें संसदीय प्रवर समिति की 285 सिफारिशों को शामिल किया गया है।
कर नियमों का सरलीकरण
इस विधेयक को पहले सरकार द्वारा वापस लिया गया था, लेकिन अब यह राज्यसभा में जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य कर नियमों को सरल बनाना, विवादों को कम करना और प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाना है। इसमें पेंशनभोगियों, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के निवेशकों को कई कर राहतें प्रदान की गई हैं।
कम्यूटेड पेंशन का अर्थ है कि कर्मचारी अपनी पेंशन का एक हिस्सा पहले एकमुश्त राशि के रूप में प्राप्त करता है। यदि यह राशि किसी मान्यता प्राप्त पेंशन योजना से आती है, तो यह पूरी तरह से कर-मुक्त होगी।
पेंशन का कर-मुक्त हिस्सा
एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में प्राप्त कम्यूटेड पेंशन का हिस्सा पूरी तरह से कर-मुक्त होगा। वहीं, एनपीएस में पुराने नियम लागू रहेंगे, जिसके तहत योजना बंद करने पर कुल जमा राशि का 60% कर-मुक्त निकाला जा सकेगा।
सेवानिवृत्ति लाभ खाता
नए विधेयक में सेवानिवृत्ति लाभ खातों का प्रावधान भी है। इन खातों में स्वीकृत धनराशि चलेगी और सेवानिवृत्ति के समय निर्धारित शर्तें पूरी होने पर निकासी कर-मुक्त होगी। इसका उद्देश्य सेवानिवृत्ति बचत को बढ़ावा देना है।
पारिवारिक पेंशन पर पहले से मिल रही छूट जारी रहेगी, जिसमें पेंशन का एक-तिहाई या ₹15,000, जो भी कम हो, कर योग्य आय से काटा जाएगा। यह सुविधा मृतक कर्मचारी के जीवनसाथी या आश्रितों को मिलने वाली पेंशन पर लागू होगी।
वित्त मंत्रालय का उद्देश्य
वित्त मंत्रालय के अनुसार, इन बदलावों का उद्देश्य विभिन्न पेंशन स्रोतों पर समान कर नियम लागू करना, कानून को स्पष्ट करना और सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।