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आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई: पंजाब-हरियाणा में 16,000 करोड़ रुपये के संपत्ति लेनदेन में अनियमितताएं

आयकर विभाग ने पंजाब और हरियाणा में संपत्ति लेनदेन में 16,000 करोड़ रुपये की अनियमितताओं का खुलासा किया है। इस कार्रवाई में विभाग ने विभिन्न तहसीलों में रिकॉर्ड की जांच की, जिससे कई गंभीर विसंगतियों का पता चला। जानें इस जांच के पीछे की वजह और आगे की कार्रवाई के बारे में।
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आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई: पंजाब-हरियाणा में 16,000 करोड़ रुपये के संपत्ति लेनदेन में अनियमितताएं

आयकर विभाग की जांच में बड़ा खुलासा

चंडीगढ़: आयकर विभाग के खुफिया और आपराधिक जांच निदेशालय (I&CI) ने उच्च मूल्य वाली संपत्तियों के लेनदेन में संदिग्ध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए बुधवार को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की। विभाग की टीमों ने पंजाब और हरियाणा के विभिन्न भूमि राजस्व प्राधिकरणों में व्यापक सर्वेक्षण अभियान चलाया। इस विशेष राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत पंचकूला, जीरकपुर, पठानकोट और लुधियाना जिले के साहनेवाल में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के कार्यालयों में रिकॉर्ड की जांच की गई। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य अचल संपत्ति लेनदेन में हो रही खामियों और संभावित धोखाधड़ी का पता लगाना था।


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इन सर्वेक्षण अभियानों में 16,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऐसे संपत्ति लेनदेन का खुलासा हुआ है, जिनकी या तो आयकर विभाग को सूचना नहीं दी गई थी या फिर उन्हें गलत पैन (PAN) विवरण के साथ रिपोर्ट किया गया था। इस प्रकार की धांधली के कारण ये हाई-प्रोफाइल लेनदेन विभाग की जांच से बाहर रह गए थे। भौतिक सत्यापन के दौरान अधिकारियों ने राज्य रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध डेटा का मिलान तहसीलदारों द्वारा टैक्स अथॉरिटी को भेजी गई जानकारी से किया, जिसमें गंभीर विसंगतियां पाई गईं। कई मामलों में करोड़ों रुपये के सौदे रिपोर्ट से पूरी तरह गायब थे, जबकि अन्य मामलों में जानबूझकर या लापरवाही से गलत पैन नंबर दर्ज किए गए थे।


नियमों के अनुसार, 30 लाख रुपये से अधिक के किसी भी संपत्ति लेनदेन की रिपोर्ट खरीदारों और विक्रेताओं के पैन और आधार विवरण के साथ आयकर विभाग को देना अनिवार्य है। हालांकि, जांच में यह सामने आया कि इन नियमों का लगातार उल्लंघन किया जा रहा था, जो सिस्टम की विफलता और लेन-देन में शामिल लोगों की पहचान छुपाने की मंशा की ओर इशारा करता है। विभाग ने अब इस पहलू पर गहन जांच शुरू कर दी है कि क्या लाभार्थियों को बचाने और टैक्स की नजरों से बचने के लिए जानबूझकर गलत पैन विवरण का इस्तेमाल किया गया था।


अधिकारियों ने बताया कि चंडीगढ़ निदेशालय, जिसका अधिकार क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख तक फैला है, पूरे उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में इस तरह की कार्रवाई कर रहा है। निदेशालय के प्रधान महानिदेशक ने पिछले महीने नई दिल्ली में राज्य राजस्व महानिरीक्षकों की बैठक बुलाकर उन्हें उनकी वैधानिक जिम्मेदारियों के प्रति सचेत किया था। इसके बावजूद, गलत रिपोर्टिंग का सिलसिला जारी रहना राजस्व अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है। माना जा रहा है कि आयकर विभाग आने वाले दिनों में जांच का दायरा और बढ़ाएगा, जिससे दोषी अधिकारियों और अघोषित लेनदेन में शामिल लाभार्थियों पर गाज गिर सकती है।