Newzfatafatlogo

आरएसएस की शताब्दी समारोह की तैयारी, महात्मा गांधी को अपनाने का निर्णय

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने स्थापना के एक सौ वर्ष पूरे करने की तैयारी कर रहा है। इस अवसर पर कई समारोह आयोजित किए जाएंगे, जिसमें महात्मा गांधी को अपनाने का निर्णय लिया गया है। 2 अक्टूबर को, जो गांधी जयंती है, आरएसएस की पारंपरिक शस्त्र पूजा के साथ-साथ गांधी जी की रामधुन भी गाई जाएगी। जानें इस विशेष आयोजन की सभी जानकारियाँ और समारोह की विस्तृत योजना।
 | 
आरएसएस की शताब्दी समारोह की तैयारी, महात्मा गांधी को अपनाने का निर्णय

आरएसएस की शताब्दी वर्ष की तैयारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने स्थापना के एक सौ वर्ष पूरे करने जा रहा है, और इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण समारोह आयोजित किए जाएंगे। संघ ने इस आयोजन की तैयारियों को शुरू कर दिया है। हाल ही में दिल्ली में आरएसएस के प्रांत प्रचारकों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर चर्चा की गई। जानकारी के अनुसार, संघ के मुख्यालय नागपुर से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में शाखाओं में शताब्दी समारोह मनाया जाएगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि संघ महात्मा गांधी को खुलकर अपनाएगा।


महात्मा गांधी की जयंती पर विशेष आयोजन

आरएसएस की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन हुई थी। इसलिए, हर साल हिंदी कैलेंडर के अनुसार विजयादशमी के दिन संघ का स्थापना दिवस मनाया जाता है, जो इस वर्ष 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के साथ совпादित हो रहा है। इस दिन आरएसएस की पारंपरिक शस्त्र पूजा के साथ-साथ महात्मा गांधी की रामधुन भी गाई जाएगी। यह सुनिश्चित किया गया है कि संघ मुख्यालय और बड़े शहरों में समारोह आयोजित किए जाएंगे, और जहां भी संघ की शाखाएं हैं, वहां कार्यक्रम होंगे। पुराने स्वयंसेवकों को शाखाओं में आने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, जिन शाखाओं में एक सौ या उससे अधिक सक्रिय सदस्य होंगे, वहां पथ संचलन का आयोजन किया जाएगा।