आर्मेनिया के पीएम पर धार्मिक परिवर्तन का आरोप, राजनीतिक संकट गहराया

आर्मेनिया के पीएम निकोल पाशियन की मुश्किलें बढ़ीं
आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशियन: हाल के वर्षों में भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने वाला आर्मेनिया, अब एक गंभीर संकट में है। दरअसल, देश के एक पादरी ने पाशियन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ईसाई धर्म छोड़कर यहूदी धर्म अपनाया है। इस आरोप के बाद आर्मेनिया में राजनीतिक हलचल मच गई है।
यह मामला इतना बढ़ गया है कि पादरी ने पीएम को चर्च के सामने अपने ईसाई धर्म के सबूत पेश करने का प्रस्ताव दिया है। पाशियन ने चर्च के सामने पेश होने की बात इसलिए कही है क्योंकि यहूदी धर्म में भी पुरुषों का खतना करने की परंपरा है, जैसे इस्लाम में है।
कई पादरी और नेताओं की गिरफ्तारी
कई पादरी, नेता और बिजनेसमैन को लिया गया हिरासत में
धर्म परिवर्तन के आरोपों के साथ-साथ आर्मेनिया में तख्तापलट की आशंका भी बढ़ गई है। इस कारण कई पादरियों, बिजनेसमैन और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। पाशियन ने इन सभी पर तख्तापलट का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद से संबंधित मामले दर्ज किए हैं। पादरियों की गिरफ्तारी पर जनता में आक्रोश फैल गया है, जिसके चलते पुलिस और जनता के बीच झड़पें हो रही हैं।
आर्मेनिया में राजनीतिक उथल-पुथल, भारत की चिंता
आर्मेनिया में राजनीतिक उथल-पुथल, भारत की बढ़ी चिंता
यह ध्यान देने योग्य है कि अगले वर्ष आर्मेनिया में आम चुनाव होने वाले हैं। इन आरोपों के चलते भारत में भी चिंता बढ़ गई है। हाल के वर्षों में भारत और आर्मेनिया के बीच संबंध काफी मजबूत हुए हैं, जबकि आर्मेनिया का प्रतिकूल पड़ोसी अजरबैजान पाकिस्तान का करीबी सहयोगी माना जाता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आर्मेनिया ने भारत का समर्थन किया था, जबकि अजरबैजान ने तुर्की के साथ पाकिस्तान का साथ दिया था।