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आलोक नाथ को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, मल्टी लेवल मार्केटिंग मामले में नोटिस जारी

फिल्म अभिनेता आलोक नाथ को मल्टी लेवल मार्केटिंग धोखाधड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने उनकी याचिका पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। आलोक नाथ की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है, और अब श्रेयस तलपडे की याचिका के साथ इस मामले की सुनवाई होगी। यह मामला एक मल्टी मार्केटिंग फर्म से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि निवेशकों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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आलोक नाथ को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, मल्टी लेवल मार्केटिंग मामले में नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

फिल्म अभिनेता आलोक नाथ को मल्टी लेवल मार्केटिंग धोखाधड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट से महत्वपूर्ण राहत मिली है। इस मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने आलोक नाथ की याचिका पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।


गिरफ्तारी पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने आलोक नाथ की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी है। इसी मामले में अभिनेता श्रेयस तलपडे को भी राहत मिल चुकी है।


नोटिस जारी

न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने आलोक नाथ की याचिका पर हरियाणा पुलिस और अन्य को नोटिस जारी किया है।


मुकदमे की रद्दीकरण की मांग

अब सुप्रीम कोर्ट आलोक नाथ के मामले के साथ श्रेयस तलपड़े की याचिका की सुनवाई करेगा। दोनों अभिनेताओं ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को रद्द करने की मांग की है।


मामले का विवरण

यह मामला हरियाणा के सोनीपत में एक मल्टी मार्केटिंग फर्म से संबंधित है, जिसमें आलोक नाथ के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। इस कंपनी ने आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े को अपने ब्रांड एम्बेसडर के रूप में नियुक्त किया था।


एफआईआर और आरोप

सोनीपत और लखनऊ में दर्ज की गई एफआईआर में आलोक नाथ, श्रेयस तलपडे सहित 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था। शिकायत में कहा गया है कि 7 आरोपियों ने 45 निवेशकों से 9.12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की।


कंपनी का परिचय

एफआईआर के अनुसार, यह कंपनी ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम से जानी जाती है, जिसने 16 सितंबर 2016 को हरियाणा और लखनऊ समेत कई राज्यों में ठगी का काम शुरू किया। यह सोसाइटी मध्य प्रदेश के इंदौर में रजिस्टर्ड है।


निवेशकों के लिए योजनाएं

सोसाइटी ने निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट जैसी योजनाएं पेश की थीं। उच्च ब्याज दरों के लालच में कई लोगों ने इसमें निवेश किया।


धोखाधड़ी का खुलासा

पिछले साल नवंबर में अचानक सोसाइटी के ऑफिस बंद होने लगे, जिसके बाद पीड़ितों ने विभिन्न स्थानों पर एफआईआर दर्ज कराई। फिलहाल, पुलिस अभी तक कंपनी के संस्थापकों को पकड़ने में असफल रही है।