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इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के बाद भारतीय फुटबॉल टीम के नए कोच की नियुक्ति

इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट सीरीज के समापन के बाद, भारतीय फुटबॉल टीम के नए हेड कोच के रूप में खालिद जमील की नियुक्ति की गई है। 48 वर्षीय जमील ने मनोलो मार्केज की जगह ली है, जिन्होंने हाल ही में पद छोड़ दिया था। इस लेख में जानें कि कैसे जमील ने अपने कोचिंग करियर की शुरुआत की और उन्हें किस प्रकार चुना गया। क्या वे भारतीय फुटबॉल टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जा पाएंगे? पढ़ें पूरी जानकारी के लिए।
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इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के बाद भारतीय फुटबॉल टीम के नए कोच की नियुक्ति

भारत और इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का समापन

इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के बाद भारतीय फुटबॉल टीम के नए कोच की नियुक्ति

भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से शुरू हुई पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला अब समाप्त हो चुकी है। यह श्रृंखला 2-2 की बराबरी पर खत्म हुई, जिससे कुछ प्रशंसक खुश हैं जबकि अन्य निराश हैं।


नए कोच की घोषणा

हाल ही में एक नए कोच की नियुक्ति की गई है। यह जानकर आश्चर्य होता है कि इस कोच की उम्र 48 वर्ष है। आइए जानते हैं कि यह कोच कौन है और इसके पीछे की कहानी क्या है।


खालिद जमील बने नए हेड कोच

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भारतीय क्रिकेट टीम के कोच में कोई बदलाव नहीं किया है। दरअसल, जो कोच नियुक्त किया गया है वह भारतीय क्रिकेट टीम का नहीं, बल्कि भारतीय फुटबॉल टीम का है।

ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) ने खालिद जमील को भारतीय फुटबॉल टीम का नया हेड कोच नियुक्त किया है।


मनोलो मार्केज का स्थान

खालिद जमील ने मनोलो मार्केज की जगह ली है, जिन्होंने पिछले महीने हेड कोच का पद छोड़ दिया था। मनोलो मार्केज एक स्पेनिश खिलाड़ी हैं और उनकी उम्र 56 वर्ष है। उनके कोचिंग करियर में भारतीय फुटबॉल टीम ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन जमील की लीडरशिप में टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने की उम्मीद है।


163 आवेदकों में से चयन

मनोलो मार्केज के हटने के बाद, AIFF ने नए हेड कोच के लिए 163 आवेदन प्राप्त किए थे, जिनमें से 20 को शॉर्टलिस्ट किया गया। इनमें 10 भारतीय और 10 विदेशी थे। चयन प्रक्रिया का कार्य नेशनल टीम के डायरेक्टर सुब्रतो पॉल ने किया।


कोचिंग करियर की शुरुआत

खालिद जमील ने इंजरी के कारण अपने करियर में कई बाधाओं का सामना किया और अंततः उन्हें संन्यास लेना पड़ा। इसके बाद उन्होंने मुंबई एफसी की अंडर-19 टीम के कोचिंग का कार्यभार संभाला और फिर सीनियर टीम के प्रबंधन में शामिल हुए।

उन्होंने 2009 से 2016 तक मुंबई एफसी को आई लीग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में मदद की। हालांकि, ट्रॉफी जीतने में असफल रहे, लेकिन 2016-17 सीजन में आइजोल एफसी के साथ जुड़कर उन्होंने टीम को चैंपियन बनाने में सफलता प्राप्त की।