इंदौर में ट्रक हादसे ने मचाई तबाही: मुख्यमंत्री ने की सख्त कार्रवाई

इंदौर में भयानक ट्रक दुर्घटना
Indore Accident News : मध्यप्रदेश के इंदौर के शिखशक नगर क्षेत्र में सोमवार शाम को एक तेज गति से चलने वाले ट्रक ने भारी तबाही मचाई। एयरपोर्ट रोड पर इस ट्रक ने लगभग 20 वाहनों को रौंद दिया, जिससे कई गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं और आग लगने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस दर्दनाक घटना में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है और 13 अन्य घायल हुए हैं, जिनका इलाज इंदौर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है.
मुख्यमंत्री की त्वरित कार्रवाई
CM मोहन यादव ने की कार्रवाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस गंभीर घटना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, ट्रैफिक डिप्टी कमिश्नर अरविंद तिवारी को उनके पद से हटा दिया गया है। निलंबित अधिकारियों में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सुरेश सिंह, बीजासन थाना के सहायक उपनिरीक्षक प्रेम सिंह, सुपर कॉरिडोर प्रभारी चंद्रेश मरावी, एरोड्रम मार्ग प्रभारी दीपक यादव और चार सिपाही शामिल हैं.
साहसिक कार्य के लिए सम्मानित
सम्मानित होंगे कांस्टेबल और ऑटो चालक
इस आपदा के दौरान बहादुरी दिखाने वाले कांस्टेबल पंकज यादव और ऑटो चालक अनिल कोठारी को मुख्यमंत्री ने विशेष सम्मान देने की घोषणा की है। दोनों ने संकट के समय में साहसिकता दिखाते हुए कई लोगों की जान बचाई.
मृतकों और घायलों के लिए सहायता
मृतकों के परिजनों को सहायता, घायलों का इलाज मुफ्त
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता और घायलों को ₹1 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा, राज्य सरकार सभी घायलों का इलाज अपने खर्च पर कराएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों ने इस हादसे में अपने माता-पिता को खोया है, उनकी शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी.
हाईकोर्ट का संज्ञान
23 सितंबर तक जवाब दें पुलिस कमिश्नर से
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने इस दुर्घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इंदौर पुलिस कमिश्नर को 23 सितंबर तक वर्चुअली पेश होकर जवाब देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि नो एंट्री के बावजूद ट्रक शहर में कैसे प्रवेश कर गया। मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय साराफ की पीठ ने विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है.
प्रशासनिक चूक का खुलासा
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समय पर कार्रवाई और साहस से कई जानें बचाई जा सकती हैं। राज्य सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाकर यह स्पष्ट किया है कि लापरवाही को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.