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इंदौर में ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

इंदौर में साइबर थाना पुलिस ने एक ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसमें चार सदस्य गिरफ्तार हुए हैं। ये लोग मेट्रिमोनियल साइट के जरिए लोगों को ठगते थे, और मीठी आवाज का इस्तेमाल कर ग्राहकों को फंसाते थे। पुलिस ने इनके पास से 90 मोबाइल फोन और कई बैंक पासबुक भी बरामद की हैं। गिरोह में तीन महिलाएं शामिल हैं, जो खुद को शादी के योग्य बताकर ग्राहकों से बात करती थीं। जानें इस मामले की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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इंदौर में ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

साइबर ठगों का गिरोह पकड़ा गया


  • मीठी आवाज से लोगों को फंसाते थे


जींद। साइबर थाना पुलिस ने एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो मेट्रिमोनियल साइट के जरिए लोगों को ठगने का काम कर रहे थे। पुलिस को इनके पास से 90 मोबाइल फोन मिले हैं, और ये आरोपित रोजाना सिम बदलते थे। गिरोह में तीन महिलाएं शामिल हैं, जिनकी उम्र 30 से 35 वर्ष के बीच है। इनकी मीठी आवाज के कारण लोग जल्दी इनके जाल में फंस जाते थे।


गिरोह की पहचान और मास्टरमाइंड

पुलिस पूछताछ में गिरोह के सदस्यों की पहचान इंदौर के रितु नामदेव, प्रमिला रोकड़े, प्रिया रोकड़े और सूरज धार्मिक के रूप में हुई है। इनके अलावा एक मास्टरमाइंड भी है, जो अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस जल्द ही इन आरोपितों को इंदौर ले जाकर और पूछताछ करेगी।


ये महिलाएं खुद को शादी के योग्य बताकर ग्राहकों से बात करती थीं। इनमें से एक महिला ग्राहक से बात करते समय अपनी मां का रूप धारण करती थी, जिससे ग्राहक को विश्वास हो जाता था। इसके बाद ये रजिस्ट्रेशन के नाम पर 3500 रुपये की फीस वसूल करते थे।


ठगी का मामला

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयबीर सिंह ने 16 फरवरी को साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अपने बेटे के लिए वधु की तलाश की थी और 10 फरवरी को अज्ञात नंबर से कॉल आई थी। आरोपितों ने मेट्रिमोनियल साइट की फीस के नाम पर दो बार 3500 रुपये ठग लिए। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और पाया कि ये गिरोह इंदौर से फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था।


पुलिस ने चारों आरोपितों को कॉल सेंटर से गिरफ्तार किया।


गिरोह की ठगी की तकनीक

पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि ये ठग एक ग्राहक को कम से कम दो बार ठगते थे। बार-बार सिम और नाम बदलकर ये महिलाएं कॉल करती थीं और अलग-अलग बैंक खातों में पैसे जमा कराती थीं। पुलिस को इनके पास कई बैंकों की पासबुक और चार क्यूआर कोड भी मिले हैं।


एसपी कुलदीप सिंह ने कहा कि साइबर ठग नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।